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“जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहि सब कोई”

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पंकज पटेरिया-

मानस की उपरोक्त चौपाइयाँ ही भारतीय जनता पार्टी की शानदार विजय का नवनीत निष्कर्ष है। युगदृष्टा बाबा तुलसीदास जी ने रामायण में राघव सरकार की महिमा, लीला का वर्णन करते हुए, इन चौपाइयों की रचना की। सर्वप्रिय शिवराज सिंह चौहान हो, नर्मदा मैया के वरद पुत्र मानस मर्मज्ञ नर्मदापुरम के लोकप्रिय विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा हो, या भारतीय जनता पार्टी का अन्य समर्पित प्रतिनिधि हो, उनका जीवन वृत व्यक्तित्व कृतित्व मानस की इन चौपाइयों में पूर्णरूपेण झलकता है। इसके अनेक उदारण है जिन्होंने इतिहास बना दिया। भारतीय जनता पार्टी को जिन तेजस्वी, देवदूत प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी का नेतृत्व मिला है उनका कोई सानी विश्व में भी नहीं है। उनके आभामंडल में मध्य प्रदेश में ही नहीं, अन्य प्रदेश में भी विजय की केसरिया पताका फहरी ही जो यह दर्शाती हैं कि मोदी के मन में एमपी ही नहीं अन्य प्रदेशों के मन में मोदी जी का मन बसता है। मोदी जी के ऐतिहासिक निर्णय अद्भुत हैं जिनने नया इतिहास लिखा है इसलिए समूचा देश नमो-नमो मोदी स-सम्मान कहता है। इसी तरह प्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज जी के नेतृत्व में यही चतुर्दश, पुरअसर ध्वनित होता है। प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बिगाड़ने की कोशिश हो या अत्याचार अनाचार की घटनाएं हो, सीएम बेहद सख्त रहे, तो वहीं लोगो की खुशहाली की बात रही हो वो मदद के लिए उतने नर्म मुलायम, उत्साही, संवेदनशील रहे।
हमारी बिरादरी यानि की पत्रकारों के हित आयोजन की एक बात याद आई। दशकों से कलम की उपासना कर रहे अधिमान्य पत्रकारों के हित में पहले-पहल सम्मान निधि मुख्यमंत्री जी ने ही शुरू की जो सभी वरिष्ठ पत्रकारों लिए बहुत बड़ा संबल बनी। उसी सम्मान निधि में इजाफा करते हुए पत्रकारों को सम्मानित करने जो आयोजन हुआ था उसमें यह प्रतिनिधि भी आमंत्रित था। उसी दौरान यह देखा गया की राज्य भर से आये पत्रकार जो मंच तक नहीं आ सकते थे उनके बीच सीएम स्वयं पहुंचे और उनके हाल-चाल जाने।
छोटे-बड़े तबके, बहन, भांजियो सभी के हित और कल्याण के लिए बनी योजनाओं ने बरसों से मुरझाए चेहरों को कमल सा खिला दिया है। फलस्वरुप शतदल मोहक कमल खिले हैं। यही नर्मदांचल के विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा जी की भी स्थाई प्रकृति है। आधी रात भी वे परेशान हाल लोगों की मदद पर दौड़े गए हैं। खुशी हो या गम वे उनके बीच पहुंचने में पीछे नहीं रहे। यही वजह है कि उनके शीश पर भी विजय श्री का मुकुट दमक रहा है। यही राम जी की कृपा है, यही उनके निर्मल मन, छलछिद्र रहित जीत का सुखद परिणाम है।अस्तु राम जी की कृपा सदा रहे और वे इसी तरह इस पथ पर सदा चलते रहें।
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए देते हुए अपनी कविता की ये पंक्ति का जिक्र सविनय करना चाहूंगा-
‘ बस वही एक काम सुबह शाम करता है
खुद आगे बढ़ सभी से राम-राम करता है।’

पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार, कवि
ज्योतिष सलाहकार
नर्मदापुरम/भोपाल
मध्य प्रदेश

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