– विज्ञान को रूचिकर बनाने राजेश पाराशर ने, लगाई रेनक्लास
इटारसी। बच्चों का पानी के खेल में विज्ञान तलाशने आज उत्कृष्ट स्कूल केसला (excellent school casela) में रेनक्लास लगाई गई । इसमें बच्चों ने नर्मदापुरम जिले की तहसीलों में हुई वर्षा के आंकड़ों को अपनी हाईट से तुलना की। बच्चों ने पाया कि इस साल गिरा पानी निखिल की नाक, अंशुल की आंख तो संजय के सिर की उंचाई से भी ज्यादा गिरा है। अगर बारिश के इस पानी को न बहने दिया जाता, न उड़ने दिया जाता और न ही धरती में सोखने दिया जाता तो यह इटारसी में 161 सेमी, पचमढ़ी में 208 सेमी तथा नर्मदापुरम में 149 सेमी की ऊंचाई तक भरा जाता। जबकि बच्चों की उंचाई 130 से 165 सेमी के बीच औसत रूप से है।
विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर (Science teacher Rajesh Parashar) ने बताया कि संभागीय उपायुक्त जेपी यादव (Divisional Deputy Commissioner JP Yadav) एवं सहायक आयुक्त श्रीमती चंद्रकांता सिंह (Assistant Commissioner Smt. Chandrakanta Singh) के मार्गदर्शन में वैज्ञानिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य एसके सक्सेना (Headed by Principal SK Saxena) ने की।
राजेश पाराशर ने बताया कि वर्षामापी यंत्र उंचे और खुले स्थान पर लगाया जाता है जहां आसपास पेड़, दीवारें न हों और बारिश का पानी सीधे यंत्र में ही गिरे। बारिश होने पर इसमें गिरे पानी को माप लिया जाता है। मानसून के दिनों में सुबह 8 बजे और शाम 5 बजे इसकी माप की जाती है। जितने मिलीमीटर पानी इसमें आता है वही बारिश की माप होती है। पूरे साल में होने वाली वर्षा से उस स्थान की औसत वर्षा कापता चलता है। नर्मदापुरम जिले की सामान्य वर्षा 1370 मिलीमीटर है। पहला रेन गेज ब्रिटेन के क्रिस्टोफर व्रेन ने 1662 में बनाया था।