होशंगाबाद। मसीह समाज द्वारा बलिदान का त्यौहार कोरोना काल के नियमो का पालन करते हुए सादगी से नगर के आराधनालयो(चर्चो) में मनाया गया। कोरोना से सुरक्षा को देखते हुए मास्क ओर सेनेटाइजर के नियमो का पालन करते हुए विशेष आराधनाएं हुई। नगर के चर्चो ने पहले से निर्देश दिए थे की छोटे बच्चो ओर 60 साल से अधिक उम्र के लोगो को चर्च न आने की सलाह दी गई थी जिसका सख्ती से पालन किया गया। गुडफ्राइडे ईसा मसीह के बलिदान के रूप में मनाया जाता है, बाइबिलन के अनुसार गुड़ फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाया गया था झूठे आरोप में फसा कर उन्हें क्रूस की सजा दी थी जो उस समय चोर ओर डाकुओं की दी जाती थी। ईसा मसीह लगभग 3 घंटे तक सलीब पर जिंदा रहे उस दौरान उन्होंने 7 वचन सलीब से कहे उन्ही को स्मरण करके सभी चर्चो में 12 बजे से 3 बजे तक आराधना हुई। रसूलिया स्थित ईसी आई चर्च फादर विलियम मसीह के नेतृत्व, अमित गुप्ता, अंजना इक्का, रश्मि गुप्ता, जोएल सहित अन्य लोगो ने ईसा मसीह के द्वारा कहे गए वचनों पर अपने व्यख्यान दिए। बाइबिल से इन वचनों का अध्ययन किया गया। भजनों को गाये गए। पेंटिकॉस्टल चर्च मे पास्टर जेम्स चेरियन ने आराधना को संचालित किया गया इसी तरह नगर के सेंट जॉर्ज चर्च, जुमेराती फ्रेंड्स चर्च में भी आराधनाएं हुई है। गुड़ फ्राइडे के दिन मसीही समाज के 40 दिनों से चल रहे उपवास भी खत्म हो जाते है। उपवास भी खत्म हो जाते है।
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कोरोना के नियमों का पालन करते हुए मनाया गया गुड फ्राइडे का त्यौहार

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