Video : 1 करोड़ 12 लाख मूल्य की शासकीय भूमि अवैध कब्जे से कराई गई मुक्त
भू माफियाओं के विरूद्ध प्रशासन की कठोर कार्यवाही जारी
होशंगाबाद। नगर प्रशासन ने आज नेशनल हाईवे पर बिजली कंपनी के सामने का दो मंजिला भवन जमींदोज कर दिया। जिला प्रशासन के निर्देश पर भू माफियाओं के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के अंतर्गत एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी (SDM MADAN SINGH RAGHUWANSHI) के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है। बताया जाता है कि 2012 में इस भवन के लिए नगर पालिका से अनुमति ली गयी थी, जबकि राजस्व से अनुमति नहीं है।
आज सुबह से नगर प्रशासन का अमला नेशनल हाईवे पर पहुंच गया था। हाईवे के दो मार्गों में से एक को बंद कर दिया। बिजली दफ्तर के साइड से लगे इस 2500 वर्गफुट भवन को शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करके बनाया गया बताया जा रहा है। यहां पूर्व में शराब की दुकान संचालित होती थी। भवन की कीमत 1 करोड़ 12 लाख रुपए आंकी गई है। प्रशासन के निर्देश पर उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में जेसीबी और पोकलेन मशीन से पूरी भवन को करीब छह घंटे की कार्रवाई में जमींदोज कर दिया गया।
कलेक्टर के निर्देशन में कार्रवाई
कलेक्टर धनंजय सिंह के निर्देशन में जिले में भूमि माफियाओं, खनन माफियाओं, चिटफंड कंपनियों आदि अपराधों के विरूद्ध निरंतर सख्त कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में एसडीएम इटारसी मदन सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में राजस्व, पुलिस एवं नगरपालिका की संयुक्त टीम द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए इटारसी के रमेश बामने (RAMESH BAMNE) द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई शराब की दुकान को पोकलेन और जेसीबी से नेस्तनाबूद कर लगभग एक करोड़ 12 लाख रुपए मूल्य की शासकीय भूमि मुक्त कराई गई।
पूर्व मंडी अध्यक्ष का था भवन
एसडीएम एमएस रघुवंशी ने बताया कि भवन मालिक रमेश बामने के विरूद्ध कई मामलों में थानों में आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। बामने ओर उनके पुत्रों का नाम शहर के प्रमुख बदमाशों में शामिल हैं। आज अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान मौके पर एसडीओपी सौम्या अग्रवाल, थाना प्रभारी रामस्नेही चौहान, नायब तहसीलदार विनय प्रकाश ठाकुर (SDOP Soumya Agarwal, TI Ramsnehi Chauhan, Naib Tehsildar Vinay Prakash Thakur) सहित राजस्व, पुलिस एवं नगरपालिका का अमला मौजूद था। जिला प्रशासन द्वारा विगत माह इटारसी के विभिन्न स्थानों से अवैध रूप से किए अतिक्रमण के विरूद्ध कार्यवाही कर 6 करोड़ 40 लाख मूल्य की शासकीय भूमि माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई गई थी।