बिना अनुमति चल रहे ईंट भट्टे पर ग्राम सभा की आपत्ति, जल्द मिलेंगे कलेक्टर से

इटारसी। आदिवासी ब्लाक केसला निम्न ग्रामों में ईंट भट्टे का काम, बड़े जोरों से चल रहा है। लेकिन गरीब आदिवासियों की जमीन को कम दामों में लेकर काफी रुपए कमाए जा रहे हैं। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत डोबीतालपुरा से जुड़े गांव खटामा में देखने को मिला। मौके पर निरीक्षण जनप्रतिनिधि, सरपंच, जनपद सदस्य एवं ग्रामीण ईंट-भट्टा देखने पहुंचे।
यहां सुखलाल भददू को गुमराह करके, स्टाम्प पेपर पर जमीन का सौदा करके 2 महीनों से अवैध तरीके से उत्खनन हो रहा है। ग्राम सभा में ईंट-भट्टे वाले को बुलाकर पूछा कि एसडीएम एवं तहसीलदार के आदेश की कॉपी बताइए तो ठेकेदार ने कहा कि हमने अभी किसी भी प्रकार का कोई आदेश नहीं दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है 2 महीनों से बिना आदेश के ईंट भट्टे का अवैध उत्खनन हो रहा है जिसमें पंचायत द्वारा भी किसी प्रकार की एनओसी नहीं दी गई है, ना ही पटवारी द्वारा भी किसी प्रकार का लिखित आवेदन नहीं मिला।
हल्का नंबर 8 पटवारी नितिन पटेल मौके पर पहुंचे और पूछताछ की तो पता चला कि तहसील में ऐसा कोई आवेदन नहीं है, और ना ही कोई आदेश ही कापी है। ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा है कि किसी भी प्रकार ग्राम सभा की मर्जी के बिना बाहर से से आने वाली कंपनी उत्खनन नहीं कर सकती है, ग्राम सभा की अनुमति के बिना उत्खनन नहीं होगा, दो महीने से चल रहे ईंट भट्टे का कारोबार को ग्राम सभा में उजागर किया है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि एसडीएम एवं तहसीलदार को इस बिना आदेश के चलने वाले ईंट भट्टे को को सील करना चाहिए। जल्द ही आदिवासी संगठन कलेक्टर को ज्ञापन देगा। पेसा एक्ट योजना के तहत वन सुरक्षा समिति खटामा ने अधिक फायदा के लिए तेंदूपत्ता का प्रस्ताव रखा। यदि ग्राम वन समिति स्वयं तेंदूपत्ता तोड़कर व्यापार करना चाहती है तो कर सकते हैं।
इस दौरान जनपद सदस्य सुनील नागले, सरपंच डोरीलाल चीचाम, सचिव संतोष उईके, रोजगार सहायक सुनीता उईके, वन समिति अध्यक्ष विनोद वारिवा, बलदेव तेकाम, दुलारे प्रसाद तुमराम, कंछेदीलाल बावरिया, शंकर उईके, दशरथ काजले, बुधराम राठौर, राजू चौहान, अजीब बरकड़े, सरदार नागले, रतिराम कलमे, मंगलसिंह शेलू, जितेंद्र बावरिया, पप्पू कावरे सहित अन्य महिला पुरुष उपस्थित रहे।