चैत्र नवरात्र अंतर्गत श्री रामजन्म महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ
– श्री द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में श्री श्री 1008 युवराज स्वामी जी के मुखारबिंद से हो रहा रामकथा का वाचन
-प्रथम दिवस बोले कथाव्यास रामायण जन्म – जन्म के पाप को नष्ट करती है।
इटारसी। नर्मदांचल की आस्था के प्रमुख केंद्र श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर परिसर तुलसी चोक में सनातन धर्म के पवित्र चैत्र नवरात्रि पर्व के अंतर्गत 60 वें वर्ष में श्री राम जन्म महोत्सव का बुधवार को गुड़ी पड़वा एवं चैत्र प्रतिपदा के दिन शुभारंभ हुआ। इस नो दिवसीय महाआयोजन की शुरुआत बुधवार सुबह मंदिर प्रांगण में श्री रामचरितमानस की स्थापना से हुई।
इस अवसर पर पंडित गिरीश शर्मा के द्वारा यजमान अर्पण माहेश्वरी, विपिन चांडक, नितिन अग्रवाल से सपत्नीक श्री रामायण जी की स्थापना, व्यास गादी का पूजन, अखंड ज्योति की स्थापना करवायी गयी। दोपहर में पंडित मुरारी लाल तिवारी एवं पंडित आकाश शर्मा ने सत्संग भवन में चलने वाले नो दिवसीय नव्हां न परायण हेतु पूजन कराकर पाठ प्रारंभ कराया।
सायंकाल 7 बजे से श्री राम कथा प्रारंभ हुई। अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास श्री श्री 1008 युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य महाराज के मुखारबिंद से श्री रामकथा का श्रवण कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 60 वर्ष के श्रीरामजन्म महोत्सव के इतिहास में पहली बार बाल्मीकि रामायण के आधार पर इस वर्ष की रामकथा की जा रही है।
प्रथम दिवस की कथा में व्यासपीठ से महाराज श्री ने रामायण का महत्व बताते हुए कहा कि सौदास नामक ब्राह्मण की शिवजी के श्राप से मुक्ति हो गई। अतः रामायण जन्म जन्मांतरो की पाप राशि को नष्ट कर जीवात्मा को शुद्ध कर देती है।
रामायण का निर्माण महर्षि बाल्मीकि के द्वारा किया गया। वही उसका प्रचार किस प्रकार हो जब यह चिंता हुई तो तभी कुश और लव सामने दिखाई दिए। बाल्मीकि जी ने उन्हें रामायण पर पाठ पढ़ा कर उसके मान की आज्ञा दी। देवऋषि नारद द्वारा ऋषि बाल्मीकि को रामायण उपदेश दिया गया था।
बाल्मीकि द्वारा चौबीस हजार श्लोकों में उसकी व्याख्या की गयी। कथा को विस्तार देते हुए कथा व्यास ने कहा कि यह वाल्मीकि रामायण गायत्री मंत्र का विस्तार है। कथा के अगले भाग में महाराज दशरथ के द्वारा शासित अयोध्या नगरी का वर्णन करते हुए कथाव्यास ने भगवान श्री रामचंद्र जी के जन्म की कथा सुनाई।
उन्होंने कहा कि भगवान का राम अवतार राक्षसी प्रवृत्तियों के विनाश और जनमानस के तारणहार के रूप में हुआ। महाराज श्री ने प्रथम दिवस श्री बाल्मीकि रामायण के कई प्रसंगों के आधार पर कथा सुनाई। इस अवसर पर संगीतकार सुनील साहू बांसुरी,संजू अवस्थी तबला, मिथिलेश त्रिपाठी बेंजो पर एवं ललिता ठाकुर ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किये।
प्रथम दिवस की कथा में श्री रामजन्म महोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक क्षेत्रीय विधायक डॉ सीतासरन शर्मा, श्रीमती कल्पना शर्मा, संरक्षक प्रमोद पगारे, अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सांवरिया, कार्यकारी अध्यक्ष जसवीर सिंह छाबड़ा, सचिव अशोक शर्मा (एडवोकेट), कोषाध्यक्ष प्रकाश मिश्रा, सह कोषाध्यक्ष अमित सेठ दरबार, विपिन चांडक, नितिन अग्रवाल अर्पण माहेश्वरी, सतीश बांगड़, सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी, सदस्यगण उपस्थित रहे।
कथा के प्रथम दिवस पर मंदिर प्राँगण में बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने उपस्थित हो रहे हैं।
आकर्षक रूप से सजाया गया मंदिर प्रांगण
श्री राम जन्म महोत्सव समिति के प्रवक्ता भूपेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्रि एवं श्री रामजन्म महोत्सव कार्यक्रम के चलते संपूर्ण मंदिर परिसर में आकर्षक साज सज्जा एवं विद्युत व्यवस्था की गयी है। मंदिर परिसर के आसपास के सभी मार्गो पर भी सनातनी ध्वज, भगवा झंडियो और सीरीज लाइट से सजावट की गयी है।
प्रतिदिन सांयकाल 7 बजे से 10 बजे तक श्री रामकथा होगी, जिसमें समिति ने अधिक से अधिक धर्मप्रेमी जनता से शामिल होने का आग्रह किया है।