इटारसी। रेल पुलिस थाना लगभग एक माह में वर्तमान स्थान से सामने ही बने पुराने गार्ड रनिंग रूम में शिफ्ट हो जाएगा। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा की पहल पर रेलवे के स्थानीय अधिकारी और जीआरपी थाने के इंचार्ज और स्टाफ की मौखिक सहमति मिल गयी है। शिफ्टिंग से पूर्व रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग पुराने भवन की पुताई, मरम्मत और सफाई कराके देगा। इसके साथ ही आरपीएसएफ की बैरक भी इसी कैम्पस में मौजूद है, दोनों को अलग करने के लिए बीच में करीब आठ फुट की दीवार भी रेलवे उठाकर देगा।

आज जेडआरयूसीसी के मेंबर राजा तिवारी की पहल पर विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा प्रस्तावित स्थल देखने पहुंचे। इस दौरान इंजीनियरिंग विभाग से आईओडब्ल्यू एमके अग्रवाल, एईएन एके मालवीय, जीआरपी से थाना प्रभारी बीव्ही टांडिया और जीआरपी स्टाफ मौजूद रहा।
स्थल निरीक्षण किया
विधायक डॉ. शर्मा और जेडआरयूसीसी के मेंबर राजा तिवारी ने आरपीएसएफ के बैरक और जीआरपी के प्रस्तावित थाना स्थल का निरीक्षण किया। आरपीएसएफ के बैरक और थाना के प्रस्तावित स्थल के बीच एक दीवार उठाने का काम जल्द प्रारंभ होगा। फिलहाल यहां टीन से पार्टिशन किया है, इसकी ऊंचाई बढ़ायी जाएगी। नियम के अनुसार दो सशस्त्र बल एक ही कैम्पस में नहीं रह सकते, इसलिए इनको अलग-अलग करने के लिए दीवार उठाने पर सहमति बनी। दोनों के प्रवेश द्वार भी अलग किये जाएंगे। एईएन श्री मालवीय ने एक माह में सारा काम करने का आश्वासन दिया। जीआरपी थाना प्रभारी ने कहा कि प्राथमिक जरूरतें पूरी हो जाएं, वे थाना शिफ्ट कर लेंगे।
इसलिए पड़ रही है जरूरत
दरअसल, इटारसी में रेलवे के बढ़ते ट्रैफिक और यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पुराना फुट ओवरब्रिज छोटा भी था और ज्यादा पुराना होने के कारण उस पर भार भी अधिक पडऩे लगा था। एक ही ब्रिज पर दबाव को बांटने के लिए रेलवे ने मालगोदाम के पास एक और फुट ओवरब्रिज बनाया है, इससे बारह बंगला के निवासी और ट्रेन के उन यात्रियों के लिए बनाया गया जो मुंबई छोर पर उतरते हैं। लेकिन, यह ब्रिज शहर के लिए जहां खत्म होता है, वह स्थान जीआरपी थाना के ठीक पीछे है, और वह स्थल दिखाई ही नहीं देता है। ऐसे में यात्रियों को परेशानी भी हो रही थी। इसे रेलवे के मुख्य परिसर से जोडऩे के लिए जीआरपी थाना को शिफ्ट करना जरूरी है।