होशंगाबाद, भोपाल और जबलपुर संभाग में 48 घंटे तक भारी वर्षा की संभावना

होशंगाबाद, भोपाल और जबलपुर संभाग में 48 घंटे तक भारी वर्षा की संभावना

अतिवर्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक संपन्न

आवश्यक होने पर सेना तथा वायुसेना की मदद ली जाएगी

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने मुख्यमंत्री निवास में संभागवार बैठक(Division wise meeting) आयोजित की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस(Chief Secretary Iqbal Singh Bains), पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी(Director General of Police Vivek Johri), अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा(अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा) उपस्थित रहे। जिसमें प्रदेश में भारी वर्षा के साथ बाढ की स्थिति जानी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बनी अतिवर्षा(Heavy Rain fall) और बाढ़ की स्थिति से कोई जनहानि न हो यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य भी है और धर्म भी। उन्होंने विशेष रूप से भोपाल, होशंगाबाद तथा जबलपुर संभाग में आगामी 48 घंटों में बन रही अतिवृष्टि की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन को निरंतर सतर्क रहने के निर्देश दिए है। उन्होंने आवश्यकता होने पर सेना और वायुसेना की मदद ली जाए।

निचली बस्तियों में उपलब्धता सुनिश्चित की बात कही
मुख्यमंत्री चैहान ने कहा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, नावों, गोताखोरों तथा उपकरणों की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कहीं। निचली बस्तियों में पानी भरने की संभावनाओं को देखते हुए लोगों को समय रहते राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाए। शिविरों में कोरोना से बचाव की सभी सावधानियाँ बरती जाएं। अतिवृष्टि तथा बाढ़ से प्रभावित व्यक्ति डायल-100 तथा फोन नं 1079 पर मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं। नर्मदा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर और विभिन्न बांधों के गेट खुलने तथा सहायक नदियों से आ रहे पानी के कारण होशंगाबाद, शाहगंज तथा बरेली में जिला प्रशासन को आगामी 10 दिन के लिए मुस्तैद रहने के निर्देश भी दिए गए हैं। बैठक में डूब में आने वाले संभावित निचले इलाकों की जिलावार जानकारी ली गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रदेश में बनी अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

अगले 48 घंटे बारिश की संभावना
बैठक में जानकारी दी गई की भोपाल, होशंगाबाद तथा जबलपुर संभाग में निरंतर अतिवर्षा जारी है तथा अगले 48 घंटों में भी वर्षा की संभावना है। साथ ही सागर तथा उज्जैन संभाग भी वर्षा से प्रभावित हैं। ग्वालियर संभाग भी इससे प्रभावित होगा। प्रदेश के सभी बांध लगभग भर गए हैं। तवा डेम(Tawa dem)के 13 में 13 गेट खोले गए हैं, इंदिरा सागर बांध(Indira Sagar Dam) के 22 गेट, ओंकारेश्वर(Omkareshwar) में 23 में से 21 गेट, राजघाट बांध( Rajghat Dam) पर 18 में से 14 गेट, बरगी बांध(Bargi Dam) 21 में से 17 गेट खोले गए हैं। सरदार सरोवर बांध भी हाई लेवल से 7 मीटर नीचे है। मण्डला तथा पेंच बांध के भी गेट खोले गए हैं। जबलपुर संभाग में छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर में सबसे अधिक बारिश हुई है। छिंदवाड़ा के बेलखेड़ा में 150 लोगों को सुरक्षित केम्प में पहुँचाया गया। यहां बाढ़ में फंसे मधु कहार को सुरक्षित निकाला गया। नर्मदा नदी की सहायक नदियों से आ रहे पानी के कारण जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इन्दौर संभाग में सर्वाधिक वर्षा खण्डवा में दर्ज की गई है। सागर संभाग के दमोहए छतरपुर, निवाड़ी भी अतिवर्षा से प्रभावित हैं तथा राहतगढ़ में कुछ परिवारों को कैम्प पहुँचाया गया है।

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