
ये है, दो राष्ट्रीय पर्व का बेसिक अंतर, इसे समझें
भोपाल। हमारे देश मे मुख्य रूप से दो राष्ट्रीय पर्व मनाये जाते हैं, 15 अगस्त और 26 जनवरी। यह बात बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सबको पता है। लेकिन इन दोनों राष्ट्रीय पर्वों में क्या अंतर है, इसकी बेसिक जानकारी हर किसी को नहीं है। भले ही हमारे देश को आजाद हुए 70 साल से ज्यादा हो गए हों, लेकिन ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में क्या अंतर है, यह भी ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम। ऐसे में हमने इस बार 26 जनवरी ओर 15 अगस्त के क्या महत्व है, इसके लिए राष्ट्रीय पाठशाला का आयोजन किया है।
युवा कम्युनिकेटर आशी चौहान (Young Communicator Ashi Chauhan) ने अपनी राष्ट्रीय पाठशाला में बच्चों को बताया कि, 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। इसलिए हम इस दिन को स्वंतत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन ध्वजारोहण किया जाता है। इस दिन झंडे को नीचे से ऊपर लेकर फहराया जाता है। साथ ही इस दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले से देश को संबोधित करते हैं। इस पाठशाला में हनी मीना, देवयानी खरे, प्रियांश, प्रणव, शुभम, राहुल सहित अन्य छात्र मौजूद रहे।
राष्ट्रपति करते हैं देश को संबोधित
26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था। इसी दिन हमारे देश को पहला राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad)के रूप में मिले थे। इसी के चलते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन राजपथ पर इसका कार्यक्रम होता है, और इस दिन राष्ट्रपति देश को संबोधित करते हैं। इस दिन झंडे को ऊपर बांधकर फहराया जाता है। दोनों पर्वों को मनाने का यही अंतर है।
इसी तरह की लगाई जाय पाठशाला
युवा कम्युनिकेटर आशी चौहान का कहना है कि, कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का हुआ है। स्कूल बंद होने से पढ़ाई के साथ माइंड डवलपमेंट, पर्सनेलिटी डवलपमेंट पूरी तरह से रुक गए हैं। ऐसे में सरकार को खुले पार्क में इस तरह की पाठशाला की अनुमति देनी चाहिए, जिससे बच्चों का कम से कम नुकसान हो।