इटारसी। पाक्सो एक्ट (POCSO Act) के 2021 के मामले में विशेष न्यायालय नर्मदापुरम (Special Court Narmadapuram) द्वारा अभियुक्त कन्हैया (Kanhaiya) ऊर्फ बाबू को दी गई सजा पर रोक लगाते हुए जमानत पर छोड़े जाने के आदेश मुख्य न्यायधीश रवि मलीमठ (Chief Justice Ravi Malimath) और विशाल मिश्रा (Vishal Mishra) की युगल पीठ ने दिए हैं।
अधिवक्ता ऐश्वर्य पार्थ साहू (Advocate Aishwarya Partha Sahu) ने बताया कि 24 अक्टूबर 21 को गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर तथाकथित नाबालिग लड़की के साथ रह रहे उनके मुवक्किल के खिलाफ पास्को एक्ट का केस बनाया गया। विशेष न्यायधीश (पाक्सो) नर्मदापुरम द्वारा 24 अप्रैल 23 को 20 वर्ष की सजा और 3000 रुपए के जुर्माने के आदेश कर जेल भेज दिया था।
उक्त आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जबलपुर (High Court Jabalpur) ने अभियुक्त के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए लड़की की उम्र और 2 माह से साथ रहने के आधार पर 20 साल की सजा पर रोक लगाकर अभियुक्त बाबू ऊर्फ कन्हैया पीपलढाना के पक्ष में जमानत आदेश पारित कर दिए हैं। हालाकि कोर्ट ने अभी मेरिट पर कोई फाइंडिंग नहीं दी। जमानत बॉन्ड भरने पर बाबू होशंगाबाद जेल (Hoshangabad Jail) से रिहा होगा।