होलिका दहन पर होगा सभी कष्टों का निवारण, करना होगा यह काम

Post by: Poonam Soni

होलिका दहन शुभ समय

होशंगाबाद। होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा (Holika Dahan Phalgun Purnima) की शुभ बेला में करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है पंडित शुभम दुबे के अनुसार इस वर्ष में फाल्गुन पूर्णिमा 28 मार्च दिन रविवार को है। होलिका दहन भी इस दिन किया जाएगा और इसी दिन होली जलने के साथ होलाष्टक (Holikastak) समाप्त हो जाएंगे। अगले दिन सभी होली का त्योहार मनाएगें।

यह है होलिका की कहानी
होलिका दहन के दिन सुख समृद्धि और पारिवार की उन्नति के लिए श्रद्धालु और हम सब लोग होलिका की पूजा करते हैं। होलिका मन की बुरी नहीं थी लेकिन अपने भाई हिरण्यकश्यप के प्रभाव की वजह से प्रहलाद को चिता पर लेकर बैठ गई थी ताकि प्रहलाद अग्नि में जल कर परलोक चला जाए लेकिन दैवयोग से होलिका स्वयं जल कर मृत्यु को प्राप्त हो गई। लेकिन ब्रह्माजी की कृपा से होलिका को भी पूजनीय स्थान प्राप्त हो गया और होलिका दहन के लिए इकट्ठी की गई लकड़ियों के बीच होलिकाए भगवान विष्णु और अग्नि देव की पूजा की जाती है।

29 मार्च को पड़ रही होली
ज्योर्तिविद आचार्य पंडित विकास शर्मा के अनुसार इस साल यानी 2021 में होली 29 मार्च को मनाई जाएगी। साथ ही इस बार होली पर विशेष योग भी पड़ रहा है, इस होली के महत्व को बढ़ा देगी। जीवन को रंगीन बनाने के कारण इस पर्व को रंग महोत्सव भी कहा जाता है। होली के त्योहार को एकता और प्यार का प्रतीक भी माना जाता है। यह एक पारंपरिक और सांस्कृतिक हिंदू त्योहार है। परंपरागत रुप से इसे बुराई पर अच्छाई की सफलता का प्रतीक माना जाता है।

होलिका दहन शुभ समय
इस बार प्रदोष काल में भद्रा का साया नहीं होना बहुत दुर्लभ और शुभ संयोग है। ऐसे में शाम 6 बजकर 36 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक शुभ योग और 8 बजकर 3 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक अमृत काल का शुभ संयोग रहेगा। इस दौरान होलिका दहन करना शास्त्र सम्मत उचित रहेगा।

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