जिले में टिड्डी दल की आशंका, कलेक्टर ने दिये निर्देश

जिले में टिड्डी दल की आशंका, कलेक्टर ने दिये निर्देश

होशंगाबाद। टिड्डी दल देवास जिले से होते हुए हरदा जिले में प्रवेश करने की जानकारी प्राप्त होने पर टिड्डी दल होशंगाबाद जिले में प्रवेश न करे इस उद्देश्य से आज कलेक्टर धनंजय सिंह ने जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देशित किया कि वे टिड्डी दल के हमले से बचाव हेतु जिले के किसानों को जागरूक करें एवं टिड्डी दल के प्रभावी नियंत्रण के लिए समुचित तैयारियां करना सुनिश्चित करें। उन्होंने उप संचालक कृषि एवं संबंधित एसडीएम, जनपद सीईओ को प्रचार प्रसार करने तथा मैदानी अमले के माध्यम से सतत निगरानी रखने के निर्देश दिये।
बैठक में वैज्ञानिक अनुशंसा द्वारा जारी सलाह की जानकारी देते हुए बताया कि यह कीट सांयकाल 7 बजे से रात्रि 9 बजे के मध्य विश्राम के लिए कहीं भी बैठ सकते हैं। ऐसा पाये जाने पर इसकी जानकारी तत्काल स्थानीय प्रशासन को दें। यदि टिड्डी दल का प्रकोप हो गया है तो सभी किसान टोली बनाकर विभिन्न तरह की परंपरागत उपाय जैसे शोर मचाकर, अधिक ध्वनि वाले यंत्रों को बजाकर इन्हें भगा सकते हैं। मांदल, ढोलक, ट्रैक्टर का सायलेंसर निकालकर आवाज की जा सकती है, खाली टीन के डिब्बे, थाली आदि से भी सामूहिक प्रयास से ध्वनि की जा सकती है, ऐसा करने से टिड्डी नीचे नहीं आकर फसल/वनस्पति पर न बैठते हुए आगे प्रस्थान कर जाते हैं। सांय के समय टिड्डी दल का प्रकोप हो तो सुबह 4 बजे से सूर्योदय तक कीटनाशी दवा ट्रैक्टर चलित स्प्रे पंप (पॉवर स्प्रेयर) द्वारा जैसे क्लोरपॉयरीफॉस 20 ईसी 1200 मिली या डेल्टामेथरिन 2.8 ईसी 600 मिली अथवा लेम्डासाईलोथिन 5 ईसी 400 मिली , डाईफ्लूबिनज्यूरॉन 25 डब्ल्यूटी 240 ग्राम प्रति हेक्टर 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करे। उप संचालक श्री सिंह ने किसानों को यह भी सलाह दी है कि टिड्डी दल के आक्रमण के समय यदि कीटनाशी दवा उपलब्ध न हो तो ऐसी स्थिति में ट्रेक्टर चलित पॉवर स्प्रे के द्वारा तेज पानी के बौछार से भी भगाया जा सकता है।

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