सामुदायिक चिकित्सा कोरोना महामारी का एक हल

सामुदायिक चिकित्सा कोरोना महामारी का एक हल

होशंगाबाद। शासकीय गृहविज्ञान महाविद्यालय (Government Home Science College) में कोरोना से प्रभावित हुये लोग जो होम आइसोलेशन (Home isolation) में रह रहे हैं, उनके लिये काउंसलिंग का कार्य गूगल मीट की सहायता से ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से कर रहा है। उसके अंतर्गत अग्रणी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन (Principal Dr. Kamini Jain) ने कहा कि महाविद्यालय के सदस्य एवं अन्य बुद्धिजीवी ऑफलाइन परामर्श सन्देश व्हाट्सएप्प के माध्यम से भेज रहे हैं। साथ ही गगूल मीट पर ऑनलाइन संवाद सत्रों का आयोजन भी किया जा रहा है। प्रति सप्ताह चार दिन इन सत्रों का आयोजन किया जाता है। साथ ही वॉट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से ऑफलाइन कार्य भी जारी है। अग्रणी महाविद्यालय की प्राचार्य ने बताया कि काउंसलिंग द्वारा अनेक लोगों को शारीरिक, मानसिक एवं चिकित्स्कीय समस्याओं के हल प्राप्त हुये हैं। ऑनलाइन मीटिंग में देशभर के विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया। उन्होंने महाविद्यालय के आमंत्रण पर इस कार्य में निशुल्क भागीदारी दी। उन्होंने बताया की आज दिनाँक 1 जून 2021 को सफलतापूर्वक चौथा सप्ताह पूर्ण हो रहा है, जिसमें 100 से अधिक सदस्य उपस्थित हैं। वैसे ईश्वर की अनुकम्पा से होम आइसोलेशन समूह में लोगों की संख्या लगातार कम हो रही है, यह शुभ संकेत हैं। इस कारण महाविद्यालय अगले सप्ताह से प्रतिसप्ताह एक ऑनलाइन सत्र करने जा रहा है, परन्तु आवश्यकतानुसार इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

डॉ. कामिनी जैन ने बताया कि आज हमारे बीच चन्देस्वर, आजमगढ़ से पधारे डॉ. राजेंद्र सिंह राजपूत (Dr. Rajendra Singh Rajput) सामुदायिक चिकित्सा के विशेषज्ञ हैं। ऐसे गौरवपूर्ण व्यक्तित्त्व का महाविद्यालय परिवार स्वागत एवं अभिनन्दन करता है। आज के सत्र में आमंत्रित अतिथि वक्ता के रूप में डॉ. राजेंद्र सिंह राजपूत जो सामुदायिक चिकित्सा के विशेषज्ञ हैं ने कोरोना के लक्षण, सावधानी और उपचार के सम्बन्ध में विस्तार से बताया। उन्होंने बहुत ही रुचिकर तरीके से कोरोना के लिये कोरोना प्रोटोकॉल के अन्तर्गत हाथ धोकर, मास्क पहन कर, आपसी दूरी बनाकर आदि के द्वारा कैसे सुरक्षा कवच बनाया जा सकता है एवं लोगों को जागरूक किया जा सकता है? गूगल मीट में उपस्थित सदस्यों ने चिकित्सा और आहार सम्बन्धी अनेक प्रश्न पूछे और प्राप्त उत्तरों से संतुष्ट हुये। आहार सम्बन्धी प्रश्नों के उत्तर भी उन्होंने दिये सो सभी के लिये उपयोगी सिद्ध रहे। उन्होंने कहा कि कोरोना से ठीक हुये व्यक्तियों के साथ लगभग 40 दिनों तक कोविद प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है। यह एकदम नया वायरस है इसलिये इसके साथ समता का भाव रखना होगा – न अधिक नकारात्मकता और न अधिक सकारात्मकता। हमें सजग होकर जीना होगा और लोगों को जागरूक करना होगा।

सत्र के अंत में आभार प्रकट करते हुये कॉम्प्यूटर विभाग की डॉ. निशा रिछारिया ने इस कार्यक्रम की नींव रखने वाली आदरणीय प्राचार्य मैडम का धन्यवाद दिया। इसके उपरान्त चिकित्स्कीय सिद्धांतों को समुदाय में पहुंचाने वाले आज के मुख्य अतिथि वक्ता डॉ. राजेंद्र सिंह राजपूत जी का आभार व्यक्त करते हुये कहा की हमारे बीच ज्ञान के भण्डार स्वरूप वक्ता के वक्तव्य से आज की मीटिंग में उपस्थित सभी को लाभ हुआ है। आई टी सेल के सदस्यों एवं मीटिंग में उपस्थित सभी सदस्यों का भी आभार प्रकट किया। अगले सत्र की सूचना के साथ प्राचार्य की अनुमति से आज के सत्र का समापन किया गया।
महाविद्यालयीन स्टाफ सदस्यों के रूप में में डॉ. श्रीकांत दुबे, डॉ. अरुण सिकरवार, डॉ. किरण तिवारी, डॉ. रागिनी दुबे, डॉ. भारती दुबे, डॉ. पुष्प दुबे, डॉ. ए. एस. खान, डॉ. ज्योति जुनगरे, डॉ.कंचन ठाकुर, पंडित रामसेवक शर्मा, श्रीमती किरण विश्वकर्मा, डॉ. रफीक अली, डॉ. अखिलेश यादव, डॉ. मनीष चौधरी , डॉ. आशीष सोहगौरा, डॉ. संगीता पारे, डॉ. विजया देवास्कर, श्री अजय तिवारी, डॉ. मनीषा तिवारी, डॉ. दशरथ मीना, डॉ. नीतू पवार, श्रीमती नीता सोलंकी तथा कंप्यूटर विभाग और आई. टी. सेल के सदस्य श्रीमती आभा वाधवा, शैलेन्द्र तिवारी,  देवेंद्र सैनी, डॉ. रीना मालवीय,  जलज श्रीवास्तव,  बलराम यादव, मनोज सिसोदिया एवं  राजेश यादव इस ऑनलाइन सत्र में उपस्थित रहे।

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