1857 के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा फतेहपुर नादिपुरा का यह किला
बनखेड़ी से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर बसा यह किला
बनखेडी। होशंगाबाद जिले की बनखेड़ी तहसील में अवस्थित दो छोटे छोटे गाँव नादिपुरा और टेकरिपुरा जो बनखेड़ी स्टेशन से 9 किलोमीटर दूर है।यहीं स्थित ये किला जो अपने 550 साल पुराने इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी अपनी गाथा को समेटे खंडहर के रूप में जंगल में मौन समय की मार झेल रहा है। बताया जाता है कि 1540 में गोंड राजा संग्राम शाह द्वारा बनाए गए 52 गढ़ो मे से एक किला है।
यह हैं यहां के राजा की कहानी
उनकी पुत्र वधु रानी दुर्गावती भी इस किले में आईं थी। यह गोंड अधिपत्य की निशानी है। सन् 1857 में तात्याटोपे जब स्वतंत्रता संग्राम में फिरंगियों के खिलाफ राजा लोगो को एकत्रित कर रहे थे तब उन्होंने कुछ समय के लिए इस किले में प्रवास किया था। उस समय यहा के राजा अर्जुन देव ने उनकी मदद की थी। और उनको यहाँ से मुलताई और नागपुर जाने में मदद की थी। कैप्टेन फॉरसिथ जब तात्या टोपे का पीछा करते हुए दक्षिण से आ रहा था तब उसे पता चला कि तात्या टोपे और नागपुर के राजा कही महादेव की पहाड़ियों में छिपे है। वो उन्हें ढूंढ़ता पचमढ़ी पहुंचा। पचमढ़ी के राजा भबूतसिंघ और फतेहपुर के राजा अर्जून सिंह फिरंगियों के खिलाफ है तो उन्होंने इनपर आक्रमण किया। बाद में फतेहपुर की जागीर अपने अधीन कर ली और किला ध्वस्त कर दिया।
यहां है इतनी आबादी
आज फतेहपुर में कुल 87 घर है और 362 कि आबादी है। और किला सतपुड़ा टाइगर रिसर्व में आता है। इस किले में दो से तीन मंजिल सुरंगे, जल की बावड़ि असलाह खाना, दुछत्तीया, रानीमहल आदि खंडहर है।