इंटरनेशनल ट्रैकर्स पहुंचे तवा नदी, उन्हें लुभाती है यहां की मखमली रेत

इंटरनेशनल ट्रैकर्स पहुंचे तवा नदी, उन्हें लुभाती है यहां की मखमली रेत

ट्रैकर्सो ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश, सीखा खेती करना

होशंगाबाद। तवा नदी का सौंदर्य प्रदेशभर के पर्यटकों को अक्सर लुभाता रहा है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में पर्यटक यहां की सुनहरी रेत और खेती के तरीके देखने आते हैं। रविवार को यहां इंटरनेशनल स्तर के ट्रैकर्स पहुंचें। सभी ने रायपुर से बांद्राभान (Bandraban) तक पैदल ट्रैकिंग की। इस बार यह ग्रुप सोशल डिस्टेनसिंग (Social Distansing) और मास्क (Mask) लगाने का भी संदेश दिया।

यहा से पहुंचे ट्रैकर्स
ट्रैकर्स में भोपाल से एक दल सुबह रायपुर गांव पहुंचा। सभी लोग जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का अपना अभियान शुरू करते हुए नदी की रेत पर ट्रैकिंग की। इस ग्रुप में महिलाएं, कॉलेज स्टूडेंट, पर्यावरण, फारेस्ट के विशेषज्ञ और शासकीय अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। इस दौरान सेंड आर्ट, फोटोग्राफी, स्वच्छता के लिए भी पुरस्कार दिए गए। सभी सदस्य दो गज दूरी और मास्क लगाते हुए नजर आए।

यह जगह लुभाती है इन्हें
यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की लेकसिटी यूनिट (Lakesity Unit of Youth Hostel Association of India) के सचिव संजय मधुप ने बताया कि हम यहां पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वर्ड वॉचिंग एवं रेत पर होने वाली खेती का अध्ययन करने के उद्देश्य से पिछले 9 सालों से आ रहे हैं। ठंड के दिनों में दिन में और गर्मियों के दिनों में पूर्णिमा की रात को पहुंचते हैं। इस बार भी 50 सदस्यों का दल रविवार को होशंगाबाद पहुंचा। जिसमें सभी सदस्य तवा नदी की मखमली रेत पर पैदल चलकर बांद्राभान तक पहुंचें। इस दौरान सभी ने जल और पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। रेत पर होने वाली खेती के तरीकों को का भी अध्ययन किया। साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत पॉलीथिन, डिस्पोजल एकत्र कर उसे डस्टबिन में डाला।

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