तड़के ही नर्मदा स्नान करके लौट चुके थे सैकड़ों श्रद्धालु
सुबह 7 बजे के बाद पुलिस ने स्नान करने आने वालोंं को रोकना प्रारंभ किया
होशंगाबाद। पितृमोक्ष अमावस्या (Pitru Moksha Amavasya) पर आज सुबह से नर्मदा में स्नान करने की आकांक्षा लिए हजारों लोग पहुंचे। लेकिन, स्नान पर प्रतिबंध के कारण बहुतों को मायूसी का सामना करना पड़ा। हालांकि अल सुबह जो पहुंच गये उन्होंने स्नान का लाभ उठा लिया। सुबह लगभग 7 बजे पुलिस ने नर्मदा स्नान करने जाने वाले सेठानी घाट (Sethani ghat) के पास बैरिकेडिंग करके लोगों को रोकना प्रारंभ किया। इससे पूर्व सैंकड़ों लोग स्नान कर चुके थे। 7 बजे के बाद पुलिस ने केवल तर्पण (Tarpan) और पिंडदान (Pinddaan) करने वालों को जाने दिया, शेष को वापस कर दिया। पुलिस की यह सख्ती प्रारंभिक समय में सुबह केवल सेठानी घाट पर ही नजर आयी, अन्य घाटों पर पुलिस कर्मी देर से पहुंचे।
बता दें कि नर्मदा के घाटों पर आम श्रद्धालुओं के लिये रोक रही। लेकिन, प्रतिदिन तर्पण और पिंडदान करने वालों को जाने दिया था।
हजारों लोगों को नर्मदा घाट तक जाने से रोकने पर उन्होंने दूर से ही पतित पावनी नर्मदा के दर्शन करके वापसी कर ली। प्रशासन ने नर्मदा के घाट पर स्नान प्रतिबंधित कर दिया था तो सैंकड़ों लोगों ने इस विशेष पर्व पर स्नान करने अल सुबह का वक्त चुना और नर्मदा में डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है। पुलिस की टीम सुबह 7 बजे पहुंची और इसके बाद बैरिकेडिंग करके स्नान करने जाने से लोगों को रोका।
मंगलवार को एसडीएम होशंगाबाद ने आदेश निकालकर कोरोना संक्रमण के कारण नर्मदा स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया था। नर्मदा के मुख्य सेठानी घाट, विवेकानंद घाट, कोरी घाट, पर्यटन घाट, मंगलवारा घाट सहित सभी घाटों पर बैरिकेड लगाए। राजस्व, पुलिस, होमगार्ड के जवान तैनात किये गये थे। बावजूद इसके सुबह से जिन्हें स्नान करना था, वे स्नान करके जा चुके थे।