केंचुआ खाद किसानों और भूमि की आंत है- प्राचार्य जैन

केंचुआ खाद किसानों और भूमि की आंत है- प्राचार्य जैन

केंचुआ खाद यूनिट का शुभारंभ

होशंगाबाद। शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय (Government Home Science College) में प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन (Principal Dr. Kamini Jain) के निर्देशन में वर्मी कंपोस्ट (Vermi compost) (केंचुआ खाद) यूनिट का पुनः शुभारंभ हुआ। प्राचार्य ने बताया कि यह कार्य विगत 5 साल से किया जा रहा है। केंचुए के द्वारा जैविक खाद का वर्मी कंपोस्ट कहते हैं। केंचुए किसानों एवं भूमि की आंत भी कहलाती है। यह भूमि की जुताई कर हर दिन असंख्य छिद्र बनाकर देते हैं। इस प्रक्रिया से भुरभुरा बनाने के साथ वायु संचार एवं मुद्रा की जल शोषण शक्ति में बृद्धि करते हैं। प्राणी शास्त्र के अतिथि विद्वान डॉ. अखिलेश यादव ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के लिए गोबर, मिट्टी, महाविद्यालय परिसर के पेड़-पौधों से गिरी हुई सूखी पत्तियों एवं फूलों को राॅ मटेरियल के रूप में उपयोग किया गया एवं ’’ईसेनिया फेटीडा’’ नामक प्रजाति की केंचुए जिन्हें सामान्यतः रेड विंगलर अथवा रेड वार्म के नाम से भी जाना जाता है को वर्मी कंपोस्टिंग हेतु उपयोग किया गया। वर्मी कंपोस्टिंग के लिए 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान एवं 30 से 40 प्रतिषत नमी आदर्श होती है। वहीं वर्मी कंपोस्ट तैयार होने में लगभग 3 से 4 माह का समय लगता है। इस अवसर पर डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, डॉ. रीना मालवीय, शैलेन्द्र तिवारी, प्रीति ठाकुर एवं महाविद्यालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!