होशंगाबाद को प्रदेश सरकार में प्रतिनिधित्व मिलेगा, कार्यकर्ता आश्वस्त है

Post by: Manju Thakur

लंबा अनुभव रहा है डॉ.सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma) का

इटारसी। होशंगाबाद जिला सत्ता के शिखर पर जाने को आतुर है। पिछली मर्तबा यहां से एक संवैधानिक पद प्रदेश को मिला था। अत्यंत कुशल, ईमानदार, निष्ठावान और राजनीतिक समझ और अनुभव रखने वाले, होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ.सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma) को मप्र विधानसभा (MP Assembly) का गौरवशाली पद मिला था। इस बार फिर उनको प्रदेश में एक ऊंचे ओहदे की उम्मीद की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सेवा करने वाले हर निष्ठावान कार्यकर्ता को यही उम्मीद है कि इस बार फिर डॉ.शर्मा सम्मानजनक पद से नवाजे जाएंगे।
मप्र में उपचुनावों के माध्यम से पुन: सत्ता में मजबूत पकड़ बना चुकी भारतीय जनता पार्टी की सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के नेतृत्व में भरोसा करते हुए आगे बढ़ रही है। शिवराज सिंह चौहान का भी होशंगाबाद जिले से खासा लगाव रहा है। उनके बचपन का बड़ा हिस्सा यहां आते-जाते बीता है। वे इस पावन धरा को अपनी सरकार में प्रतिनिधित्व देने में संकोच नहीं करेंगे और वरिष्ठता के आधार पर संभाग मुख्यालय का राजनीतिक प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ.सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma) को अपनी सरकार में प्रतिष्ठित पद देंगे, ऐसी उम्मीदें फिर से लगायी जाने लगी हैं। यह भी विश्वास चल पड़ा है कि एक बार किसी कारणवश सत्ता खोकर वापस पाने वाले शिवराज अपने कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान अवश्य करेंगे।

लंबा अनुभव रहा है डॉ. शर्मा का
डॉ. सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma) मध्यप्रदेश विधानसभा के 2014 से 2018 तक अध्यक्ष (Madhya Pradesh Assembly Speaker) रहे हैं। एमबीबीएस होने के साथ वे एलएलबी गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं। वर्तमान में होशंगाबाद-इटारसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक (MLA Hoshangabad) हैं। डॉ शर्मा 2018 विधानसभा निर्वाचन में भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता रहे कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह (Sartaj Singh Congress) को भारी मतों से हराकर पांचवीं बार विधायक निर्वाचित हुए। वे सन् 1977 से जनता पार्टी तत्पश्चात् भारतीय जनता पार्टी से जुड़े। सन् 1990 में नौवीं एवं सन् 1993 में दसवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् 1990-91 में प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति एवं 1991-92, 1994-86 तथा 1996-98 में क्रमश: विशेषाधिकार, पुस्तकालय एवं सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे। सन् 1998 में ग्यारहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् 2013 में चौथी बार एवं सन् 2018 में पांचवीं बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए। जाहिर है, इतना लंबा अनुभव होने का लाभ प्रदेश को निश्चित मिलेगा। इसलिए उनके समर्थक कार्यकर्ताओं को भरोसा है कि उनको प्रदेश की भाजपा सरकार में सम्मानजनक स्थान मिलने वाला है।

फिर चल पड़ी है चर्चा
दरअसल, जब से प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है, भाजपा की सरकार में पुन: प्रतिनिधित्व पाने के लिए प्रदेश के कई दिग्गज प्रयास कर रहे हैं। पार्टी के प्रति निष्ठावान, समर्पित डॉ.सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma) के समर्थकों को उम्मीद है कि उनको प्रदेश नेतृत्व निश्चित ही सम्मान से नवाजेगा। प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने की भारतीय जनता पार्टी की सोच के साथ कदमताल करने की कला डॉ.सीतासरन शर्मा बखूवी जानते हैं। उनका विकास का एजेंडा, शांति और सद्भाव कायम रखने की कार्यप्रणाली प्रदेश को पता है। विधानसभा में 2014 से 2018 तक अध्यक्ष का कार्यकाल उनकी सूझबूझ और बेहतर तरीके से संचालन का गवाह है। इतने सबके बावजूद इन दिनों प्रदेश सरकार में प्रतिनिधित्व पाने वालों की लंबी कतार है, लोग तरह-तरह से प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जिस स्थिति में भाजपा ने सत्ता को दोबारा हासिल किया है, वह आगामी तीन वर्ष बाद होने वाले चुनावों में न आये, इसके लिए पार्टी को बिना कोई जोखिम उठाए, अनुभव को प्राथमिकता देना होगी, एक बार की चूक लंबी पीड़ा देकर जाती है, भाजपा नेतृत्व को बखूबी समझ में आ गया होगा, अत: बिना कोई प्रयोग किये, पार्टी संगठन को भी सरकार को अनुभवी नेतृत्व देने की हिमायत करनी चाहिए।

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