छोटी दीवाली पर चमके घर आंगन, बाजार रहे गुलजार

Post by: Rohit Nage

Houses and courtyards shine on Chhoti Diwali, markets remain buzzing

इटारसी। दीवाली के पांच दिवसीय पर्व की श्रंखला के दूसरे दिन आज छोटी दीवाली या नरक चतुर्दशी मनायी गयी। आज भी इस पर्व को मानने वालों ने अपने घरों के सामने दीप जलाये और आतिशबाजी की गई। हालांकि पांच दिनी पर्व की अब औपचारिकताएं ही रह गयी हैं, निरंतर बढ़ती महंगाई ने इसे एक दिवसीय पर्व तक समेट दिया है।

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धनतेरस को कल आतिशबाजी सुनाई नहीं दी और आज छोटी दीवाली पर पूर्व वर्षों की तरह धमाकों की गूंज नहीं सुनी, अलबत्ता लोगों ने घर के सामने दीपक जलाकर औपचारिकताएं पूर्ण कीं। दीवाली की खरीद के लिए आज भी बाजार गुलजार रहे। मिठाई की दुकानें, कपड़े के दुकानें, सराफा बाजार, फर्नीचर, मोबाइल, इलेक्ट्रिक, इलेक्टॉनिक की दुकानों पर आज भी भीड़ रही तो पटाखा बाजार में भी आज खरीदी हुई। गांधी मैदान में लगे लक्ष्मी मूर्ति, दीये, बताशे, कपास, पोस्टर, झाड़ू, आदि की खरीद हुई तो नगर पालिका कार्यालय के पीछे फूल, केले के पत्ते, आम के पत्ते, फूल मालाओं के बाजार में कल घरों को अयोध्या की तरह सजाने के लिए लोगों ने जमकर खरीदी की।

पांच दिनी त्योहार की श्रंखला में साल का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली होती है। वहीं बड़ी दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन हम घर में दीपक जलाते हैं और अपनों के साथ खुशियां मनाते हैं। इस त्योहार पर घर से दूर रहने वाले भी अपनों के पास जाकर मिल ही लेते हैं। मुख्य दिवाली से एक दिन पहले ‘छोटी दिवाली’ या ‘नरक चतुर्दशी’ के रूप में मनाया जाता है। लोग इस दिन कम रोशनी और कम पटाखे जलाकर मनाते हैं। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता है कि इस दिन यम की पूजा करने से जातक अकाल मृत्यु से बच सकता है। साथ ही यह मृत्यु के बाद नरक में जाने से बचने का उपाय भी है। कहा जाता है कि इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण की पूजा करने से रूप सौंदर्य की प्राप्ति होती है। एक अन्य मान्यता के अनुसार राम भक्त हनुमान ने माता अंजना के गर्भ से इसी दिन जन्म लिया था। इसलिए इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

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