यदि एक स्कूल की फीस नहीं दी है, तो दूसरे स्कूल में नहीं मिलेगा प्रवेश

यदि एक स्कूल की फीस नहीं दी है, तो दूसरे स्कूल में नहीं मिलेगा प्रवेश

इटारसी। यदि कोई पालक एक स्कूल की फीस दिये बिना टीसी (TC) और मार्कसीट (Marksheet) लेकर अपने बच्चे का नाम दूसरे स्कूल में दर्ज कराना चाहे तो उसके बच्चे नाम दूसरे स्कूल (School) में तब तक दर्ज नहीं किया जा सकता है, जब तक वह छोड़े गए स्कूल की फीस व अन्य देय राशि जमा नहीं कर देता।

जिला शिक्षा अधिकारी शत्रुंजय प्रताप सिंह ( Shatrunjay Pratap Singh) के अनुसार कलेक्टर (Collector) की जनसुनवाई में और अन्य माध्यमों से ऐसे प्रकरण प्राप्त होते रहते हैं जिनमें अभिभावक द्वारा बिना स्कूल की देय फीस का भुगतान किये ही टीसी और मार्कसीट की मांग की तथा कोरोना या अन्य आर्थिक विपन्नताओं का हवाला दिया।

यह है नियम

मप्र शिक्षा संहिता के नियम 54 में यह प्रावधान है कि शाला में प्रवेश प्राप्त किसी भी विद्यार्थी का नाम निर्धारित तारीखों पर शाला की देय फीस का भुगतान करने में अनावश्यक देर पर शाला से काटा जा सकेगा परंतु पंजी से नाम काटने से पहले संस्था प्रधान अभिभावक को प्रस्तावित कार्यवाही के संबंध में लगातार दो साप्ताहिक सूचनाएं देगा।

ऐसे किसी भी विद्यार्थी को जिसका नाम किसी मान्यता प्राप्त शाला की पंजी से काट दिया गया हो, उसी शाला में या किसी अन्य मान्यता प्राप्त शाला में तब तक प्रवेश नहीं दिया जायेगा जब तक वह फीस तथा देय रकमों की वसूली संबंधी नियमों के अनुसार परिगणित फीस तथा शाला की अन्य देय रकमों का भुगतान न कर दें।

जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार उपरोक्त कार्यवाही करते हुए यदि फीस प्रापत नहीं हुई है तो संबंधित संस्था प्रधान समय सीमा में नाम पृथक करें ताकि आगामी माहों की फीस के लिए भी विवाद की स्थिति न बने। संस्था द्वारा संबंधित संकुल प्राचार्य और विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बीआरसी को भी सूचित करना होगा ताकि वे शेष फीस का भुगतान संस्था को कराकर विद्यार्थी का नाम अन्य शासकीय शाला में प्रवेश की कार्रवाई करा सकें।

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AUTHORRohit

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