श्री रामजन्म महोत्सव के अंतर्गत श्रीराम कथा प्रारंभ हुई
इटारसी। श्री द्वारकाधीश बड़े मंदिर (Shri Dwarkadhish Bade Mandir) में गुड़ी पड़वा एवं चैत्र नवरात्रि के साथ हिंदू नव वर्ष के शुभारंभ के अवसर पर संगीतमय श्रीराम कथा (Shri Ram Katha) प्रारंभ हुई। श्री रामजन्म महोत्सव समिति (Shri Ram Janma Mahotsav Samiti) द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी चैत्र नवरात्रि में श्री रामजन्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत गुना मध्यप्रदेश से पधारे बाल संत शाश्वत महाराज के मुखारबिंद रामकथा का वाचन किया जा रहा है।
प्रारंभ दिवस की कथा में महाराज श्री ने श्री राम कथा की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि पूजन, पाठ, हवन, यज्ञ आदि जितने भी सत्कर्म हैं। उनका फल है श्री राम कथा में मन का लगना। क्योंकि रामकथा ही मनुष्य के जीवन को जीने की कला सिखाती है। कैसे मित्र बनाना चाहिए, कैसे माता-पिता की सेवा करना चाहिए, कैसे अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, कैसे परिवार में प्रेम और सामंजस्य बनाना चाहिए, कैसे और क्यों समाज से जुडऩा चाहिए और समाज सेवा करनी चाहिए आदि। इसीलिए प्रत्येक मानव को रामायण की शरण में आना चाहिए। महाराज श्री ने कहा कि जो व्यक्ति सत्य और धर्म के मार्ग पर नहीं चलता, जो व्यक्ति अपने पूर्वजों की संस्कृति संस्कार और परंपराओं की रक्षा नहीं करता। वह व्यक्ति मानव का शरीर पाकर भी जानवर के समान है।
बाल संत शाश्वत जी महाराज ने आज से शुरू हुए नव संवत्सर 2079 और नवरात्रि पर विस्तार से बताते हुए कहा कि आज के दिन प्रत्येक हिंदू को घर पर भगवा ध्वज लगना चाहिए और नववर्ष का स्वागत घर के दरवाजे पर दीप प्रज्वलित कर उत्सव मनाना चाहिए।
श्री राम जन्म महोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक विधायक डॉ सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma), संरक्षक प्रमोद पगारे, अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सांवरिया, कार्यकारी अध्यक्ष जसवीर सिंह छाबड़ा, सचिव एडवोकेट पं अशोक शर्मा, शरद गुप्ता, अशोक खण्डेलवाल, जगदीश मालवीय, अंशुल अग्रवाल सहित समिति सदस्यों ने महाराज श्री की कथा का श्रवण किया साथ ही व्यास पीठ पर महाराज श्री का आरती पूजन किया। प्रथम दिवस की कथा श्रवण करने मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में धार्मिक जनता मौजूद रही। श्रीराम कथा के प्रथम दिवस पर मंदिर समिति के प्रबंधक श्री दिनेश सैनी एवं किशोर रेस्टोरेंट के द्वारा प्रसादी में सहयोग किया गया।