सच्ची भक्ति होगी तो ही सच्चा ज्ञान और सच्चा वैराग्य होगा

Post by: Aakash Katare

मालवीयगंज में श्रीमद् भागवत कथा, निकाली कलश यात्रा
इटारसी।
सरस्वती स्कूल रोड मालवीय गंज में मधुर मिलन समिति के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा में प्रथम दिवस कलशयात्रा के साथ शुभारंभ हो गया। आज पं.भगवती प्रसाद तिवारी ने कहा प्रभु भक्ति से ज्ञान, वैराग्य का होना अनिवार्य है। सच्ची भक्ति होगी तो ही सच्चा ज्ञान और सच्चा वैराग्य होगा। नहीं तो ढोंग, पाखंड, आडंबर दिखावा वाली भक्ति है।

सतगुरू श्री शुकदेव जी महाराज ने कहा संपूर्ण संसार में पृथ्वी पर ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है,जिसके जीवन में कभी कोई दु:ख, चिंता, परेशानी, संकट, समस्या न आई हो, और ऐसा भी नहीं हो सकता की कभी किसी को कोई परेशानी नहीं आएगी।जब तक जीवन है कोई सी भी मुसीबत आ सकती है। इसलिए परमपिता परमेश्वर की, सच्ची भक्ति, साधना करते रहना चाहिए। भगवान जी के पास ही सारी समस्या का समाधान मिलता है। मनुष्य जीवन परमात्मा ने इसलिए दिया है सारे दु:ख से सदा के लिए छुटकारा मिल जाऐ।

सच्चे भक्तों को, अच्छी आत्माओं को जो धर्म, ध्यान, सत्य, प्रेम, करूणा, दया, पवित्रता, नियम, संयम, जप, तप, त्याग, ईमानदारी, धैर्य पूर्वक जीवनयापन करते हैं। आज भी भगवान जी उनकी सहायता करते ही हैं। परमात्मा और अपने कर्म पर पूरा विश्वास रखें। राजा परीक्षित जी को श्रीशुकदेवजी ने ध्रुव जी, भक्त प्रहलाद जी की कथा सुनाकर विश्वास बढ़ाया।सभी सत्कर्मों का फल परमात्मा पर पूर्ण विश्वास होना है। सावधान करने के लिए ही सत्संग होता है। सब कुछ भगवान जी से ही मिलता है लेकिन मनुष्य भूल से उसे अपनी समझ लेता है। संसार में अपना क्या है, कुछ भी नहीं है यह सत्संग से ही पता चलता है।

अच्छा काम कभी भी टालो मत, जितना अपने हाथ में है कर डालो। तन, मन, धन, समय कभी भी बिगड़ सकता है, अच्छा है तब तक अच्छे काम में, परोपकार में लगा डालो, बाद में पछताना नहीं पड़ेगा। मनुष्य मात्र का जीवन परमात्मा की प्राप्ति के लिए ही मिला है। जीवन में समय और श्वांस निश्चित है।

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