मनुष्य जन्म लेकर भगवान की प्राप्ति नहीं की तो जन्म व्यर्थ : नरेंद्र कृष्ण शास्त्री
इटारसी। श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर इटारसी में चल रही श्रीराम कथा में पांचवे दिन कथा वाचक जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य आचार्य पंडित नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने भगवान के जन्म की कथा सुनायी। पहले मनु शतरूपा की कथा सुनाई। महाराज मनु के यहां सभी सुख थे, फिर भी उनको मन में ग्लानि हुई कि यह जन्म व्यर्थ जा रहा है, क्योंकि मानव जन्म का उद्देश्य भगवान की प्राप्ति है।
यदि मनुष्य जन्म लेकर भगवान की प्राप्ति नहीं की तो जन्म व्यर्थ चला जायेगा, इसलिए मनु ने अपने पुत्र को राज दिया और नैमिशारन्य में आकर तप किया और भगवान से वरदान मांगा कि आपके जैसा पुत्र चाहिए। भगवान ने मनु को वरदान दिया और इसके कारण भगवान पुत्र बनकर दशरथ के यहां जन्म लेते हैं। आचार्य नरेन्द्र ने दूसरी कथा सुनाते हुए कहा कि लोभ में आदमी पाप करता है और फिर राक्षस बनता है।
प्रतापभानु राजा बड़ा धार्मिक था, लेकिन उसको लोभ आ गया कि मेरा राज 100 कल्प तक रहे और उसने पाप किया, जिसके कारण उसे राक्षस बनना पड़ा और वही प्रतापभानु रावण बना। इसके बाद राम जन्म की कथा सुनाई। आज भगवान की बाल लीलाओं को एवं विश्वामित्र यज्ञ रक्षा की कथा सुनाई जायेगी।