इटारसी। यदि आप भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) के विवाह की पंचमी के दिन अपना भी विवाह करना चाहते हैं तो आपको तत्काल श्री देवल मंदिर काली समिति (Shri Deval Mandir Kali Samiti) से संपर्क साधना चाहिए। समिति हर वर्ष श्रीराम विवाह महोत्सव के साथ ही नि:शुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन भी करती है। इस वर्ष यह आयोजन 17 दिसंबर को है। विवाह पंचमी की पावन तिथि पर विवाह करना अत्यंत शुभ होता है।
श्री देवल मंदिर काली समिति अब तक दो हजार से अधिक जोड़ों का नि:शुल्क विवाह कर चुकी है। यह 39 वॉ श्रीराम विवाह उत्सव है। इसमें सभी समाज के विवाह योग्य वर-वधु हिन्दू रीति-रिवाज से विवाह कर सकते हैं। उनको श्री देवल मंदिर काली समिति के पास आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, मूलनिवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र और पासपोर्ट आकार की तीन फोटो वर-वधु की जमा करनी होगी।
इन तारीखों में होंगे कार्यक्रम
12 दिसंबर से श्रीराम विवाह उत्सव के आयोजन प्रारंभ हो जाएंगे। पहले दिन रात्रि 8 बजे रामलीला का मंचन होगा। 13 दिसंबर को रात 9 बजे से सुंदरकांड, 14 दिसंबर को रात 8 बजे अखंड सीताराम कीर्तन, 15 दिसंबर को प्रात: 9 बजे महिला मंडल द्वारा रामसत्ता, 16 दिसंबर को प्रात: 10 बजे मंडप एवं सत्यनारायण की कथा, 17 दिसंबर को प्रात: 9 बजे कन्या भोज एवं भंडारा, शाम 7 बजे आध्यात्मिक प्रवचन, रात 9 बजे देवी जागरण, रात 10 बजे बारात स्वागत, रात 11 बजे जयमाला, 12 बजे पाणिग्रहण संस्कार और 10 दिसंबर को सुबह 7 बजे विदाई होगी।
बड़ा मंदिर से निकलेगी बारात
श्रीराम जी की बारात के साथ नि:शुल्क सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले दूल्हों की बारात भी 17 दिसंबर को शाम 6 बजे श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर (Shri Dwarkadhish Bada Temple) से श्री देवल मंदिर पुरानी इटारसी के लिए प्रस्थान करेगी। करीब तीन किलोमीटर का सफर तय करके यह बारात रात 10 बजे देवल मंदिर पहुंचेगी। बारात में घोड़े, बग्गी, भजन मंडलियां, नृत्य दल सहित रंगी-बिरंगी आतिशबाजी और लाइटिंग साथ रहेगी। इस बारात में हजारों लोग भगवान के बाराती के तौर पर शामिल होते हैं।
यह अखिल भारतीय आयोजन है
श्रीराम विवाह उत्सव अयोध्या और ओरछा के बाद इतने बड़े स्तर पर इटारसी में भी मनाया जाता है। इसके साथ होने वाले नि:शुल्क सामूहिक विवाह में देश के किसी भी प्रांत के वर-वधु शामिल हो सकते हैं। यह अखिल भारतीय स्तर का आयोजन है। यहां महाराष्ट्र (Maharashtra), मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सहित अन्य प्रांतों के जोड़े आकर विवाह कर चुके हैं। समिति की ओर से वर-वधु को उपहार भी दिये जाते हैं।