होशंगाबाद। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी, मप्र, संस्कृति परिषद भोपाल, सहयोग नर्मदारंगम नाट्य परिवार एवं साथी जनशिक्षण एवं संस्कृति समिति होशंगाबाद द्वारा आयोजित मध्यप्रदेश नाट्य समारोह के द्वितीय दिवस नाटक ‘आईएम सुभाष’ का मंचन हुआ जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन संघर्ष पर आधारित है।
मुख्य अतिथि महिला मोर्चे की प्रदेशाध्यक्ष माया नारोलिया, पूर्व नपाध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल, वरिष्ठ समाजसेवी राजेश फौजदार, वरिष्ठ साहित्यकार संतोष व्यास, रिटायर्ड डीएसपी देवेंद्र सैनी, भाजपा जिला कोषाध्यक्ष लोकेश तिवारी एवं जनअभियान परिषद के समन्वयक कौशलेश तिवारी उपस्थित रहे। वरिष्ठ रंगकमी कमलेश सक्सेना, साथी समूह के अध्यक्ष रत्नेश साहू, सूत्रधार पाश्र्व स्वर जिला उपाध्यक्ष भाजपा सुनील कुमार राठौर का रहा। अभिषेक सैनी, संजय श्रोतीय, अनिल वनोरिया, पुष्पेंद्र भारद्वाज, सूरज अहिरवार, बृजेश शर्मा, सोनाली साहू, कविता राजपूत आदि उपस्थित रहे।
सुभाष केवल नाम भर नहीं है सुभाष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम प्राप्ति के लिए किए प्रयासों की समग्र ईकाई के रूप में प्रस्तुत होते हैं। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के केन्द्र बिंदु के रूप में भी दिखाई देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सुभाष न होते तो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए किए जा रहे प्रयासों को गति नहीं मिलती। ऐसे ही महान देशभक्त और कुशल नेता सुभाष चंद्र बोस अंग्रजों के लिए दुश्वारियां खड़ी करने वाले व्यक्ति थे। वीर सैनिक, राजनीति के अद्भुत खिलाड़ी सुभाष चंद्र बोस ने जनता के बीच आजादी की चेतना जगाने में महत्वपूर्ण तरीके से संप्रेषित किया। उनके द्वारा गठित आजाद हिंद फौज और उनके कहे वाक्य तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा आज भी जन जन के हदय में गहरे पेठ बनाए हुए हैं। ये एक तरह से अमर वाक्य के रूप् में एक पीढी से पुरानी पीढ़ी में प्रसारित होते हैं पुरानी पीढ़ी हो या आज की पीढ़ी वे सुभाष को एक वीर सेनानी के रूप में ही देखते हैं।