नर्मदापुरम। सृष्टि सेवा संकल्प जिला नर्मदापुरम का एक दिवसीय जिला शिविर दादाजी धाम आश्रम खोकसर, नर्मदापुरम में हुआ। गीत विमलेश कीर द्वारा लिया गया।
शिविर के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ प्रदेश बौद्धिक प्रमुख आशीष सोनी, मुख्य अतिथि एससी सराठे, श्रवण गौर ने दीप प्रज्वलन, वृक्ष पूजन एवं अथर्ववेद की पूजा कर किया। शिविर की दिनचर्या सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक कई कार्यक्रमों के साथ रही। उद्घाटन सत्र में आशीष सोनी ने संगठन स्थापना की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, संगठन का विस्तार व संगठन की यात्रा एवं वर्तमान में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई।
द्वितीय सत्र में अखिलेश खंडेलवाल ने बताया कि स्वयं को पर्यावरण से जोड़कर, दैनिक जीवन मे छोटे छोटे बदलाव से पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों से पर्यावरण को बचाया जा सकता है। कार्यशाला पर्यावरण संरक्षण पर नुक्कड़ नाटक कार्यशाला बौद्धिक सत्र चर्चा सत्र योजना सत्र हुई। वृक्ष समूह के व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला में शिक्षार्थियों द्वारा तीन समूह बनाकर वृक्ष उत्सव, पेड़ रक्षाबंधन, जैविक खेती एवं नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान पर चर्चा हुई। शिविर में बौद्धिक सत्र, चर्चा सत्र, योजना सत्र आदि कार्यक्रम हुए। चर्चा सत्र में जैविक खेती, मां नर्मदा संरक्षण, सस्टेनेबल जीवन, जलवायु परिवर्तन एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
योजना सत्र में डॉ. उमेश सेठा ने वृक्ष सेवा समूह एवं नवग्रह, नक्षत्र वाटिका आदि बनाने की योजनाएं बतायी। सभी सृष्टि सेवकों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में व्यक्तिगत संकल्प भी लिए। शिविर के समापन सत्र में विनय मेहरा ने बताया सुंदर समाज के द्वारा ही सुंदर सृष्टि का निर्माण किया जा सकता है। इसलिए समाज जागरण के माध्यम से मनुष्य के अंदर संवेदना रूपी बीच का रोपण करना इस सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।
पहले स्वयं परिश्रम की भट्टी में तपना पड़ता है फिर जाकर हमारे हम समाज हमारी बात सुनता है इसलिए हम जहां हैं वहीं से काम करना शुरू करें। समाज आपको देखकर स्वयं आपके कार्य से जुड़ेगा। सृष्टि सेवकों ने वृक्षों को गले लगाकर अपना प्रेम और आत्मीयता दिखाई । कार्यक्रम मे मुख्य रूप से सृष्टि सेवक राहुल जोशी, सुभाष कुमार, एडवोकेट विवेक शर्मा, विशाल दीवान, रूप चंद जी, देव मालवीय, ओम पटेल आदि उपस्थित रहे । आभार प्रकट अमन जी गौर ने किया। शिविर व्यवस्था में निशु विस्तारक सृष्टि सेवा संकल्प खोकसर तथा राजाराम का सहयोग रहा।