पांच सूत्री मांगों के ज्ञापन में विधायक को बतायी सफाई कर्मचारियों की समस्याएं
इटारसी। वाल्मिकी समाज ने नर्मदापुरम जिले के नगरीय निकायों में ठेका प्रथा को तत्काल समाप्त करने की मांग की है। इस आशय का एक ज्ञापन समाज के लोगों ने यहां विश्राम गृह में विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा को सौंपकर इस विषय में चर्चा की।
ज्ञापन में कहा गया है कि जिला नर्मदापुरम में समस्त नगरीय निकायों द्वारा सफाई व्यवस्था का कार्य निजी कंपनी एनजीओ द्वारा कराया जा रहा है, जिसके कारण सफाई कार्य में कार्यरत वाल्मिकी समाज कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ठेका प्रथा से सफाई कर्मचारियों के होने वाले नुकसान से शायद सरकार को अदांजा नहीं है। जिस सफाई कर्मचारी वर्ग वाल्मिकी समाज ने कोरोना काल में जान की बाजी लगाकर लोगों की मानवता के हितार्थ सेवा की और जान पर खेलकर मानव सेवा की आज इस वर्ग के साथ इस तरह का दोहरा कार्य न्याय संगत नहीं है।
समाज के नेताओं ने विधायक डॉ. शर्मा से चर्चा में कहा कि दूसरे वर्गों को कुशल वेतनमान दिया जा रहा जबकि वाल्मिकी कर्मचारियों को कुशल का वेतन नहीं दिया जा रहा है। यहां भी भेदभाव किया जा रहा है, इसे तुरंत लागू किया जाए। इस समस्या को हम संयुक्त अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के माध्यम से शासन-प्रशासन को पूर्व में सरकार को कई बार दे अवगत चुके हैं, जिस पर आज तक कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई है।
अगर इटारसी में दिन के अंदर ठेका प्रथा समाप्त नहीं हुई एवं पांच सूत्री मांगों को नहीं माना गया तो इटारसी में सफाई कर्मचारी संघ एवं समस्त बाल्मीक समाज एससी, एसटी संयुक्त मोर्चा अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिये मजबूर होगा और इस आन्दोलन से होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी शासन प्रसाशन की रहेगी।
ये हैं समाज की पांच सूत्री मांग
- 1 तारीख से 0 तक समय पर वेतन भुगतान होना चाहिए
- रिटायर्ड कर्मचारियों के रिक्त पदों पर तुरंत भर्ती की जाए
- तीस दिवस कर्मचारियों को कुशल, अकुशल का वेतन मिले
- वर्षों से विनियमितिकरण कर्मचारियों को स्थाई किया जाए
- 5. कचरा गाड़ी कर्मचारियों को कुशल का वेतनमान दिया जाए।