राष्ट्रीय बालिका दिवस पर गर्ल्‍स कॉलेज में दी कानूनों की जानकारी

इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी (Government Girls College, Itarsi) में आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जीवोदय रेलवे चाइल्डस लाइन द्वारा संयुक्त कार्यक्रम कर बालिकाओं को उनके अधिकारों से अवगत कराया गया।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ.आरएस मेहरा (Principal Dr.RS Mehra) एवं सभी प्राध्याापक उपस्थित रहे। संचालन रविन्द्र कुमार चौरसिया ने किया। तहसील विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष हर्ष भदौरिया प्रथम जिला न्यायाधीश ने बताया कि जिस प्रकार हथियार हमारी स्वयं की सुरक्षा के लिए होते हैं, कानून भी एक हथियार है, इसका उपयोग केवल ढाल के रूप में अपनी स्वयं की सुरक्षा के लिए करना चाहिए।

पॉक्सो पर बताया कि लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में बालक शब्द की बात करते हैं तो इसमें लड़के एवं लड़कियां दोनों हो सकते हैं। समाज में हर प्रकार के लोग रहते हैं, इसलिए गुड टच एवं बैड टच के बारे में हमें ध्यान रखना चाहिए। यदि आपको लगता है किसी व्यक्ति ने गलत नीयत से आपको टच किया है तो उसका वहीं विरोध करें और मना करें।

यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो उस व्यक्ति के हौसले और बढ़ेंगे आगे जाकर वह व्यक्ति और गंभीर हरकतें कर सकता है।
शिकायत करने में कई बार डर लगता है कि शिकायत करेंगे तो हमारी बदनामी होगी। इसमें आपको अधिकार दिया है कि शिकायत करने पर थाने से लेकर कोर्ट तक आपका नाम व पता गोपनीय रखा जाता है।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए कि बच्चों को किसी प्रकार डर न लगे इसलिए कोर्ट भी चाइल्ड फ्रेंडली बनाई गई है जिसमें बच्चों की गवाही के वक्त पूरी सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है।

घरेलू हिंसा बोलते हुए बताया कि बताया गया कि मारपीट के अलावा ताने देना, घर खर्च नहीं देना आदि भी घरेलू हिंसा में आते है, जिसके लिए व्यथित महिला के अलावा अन्य व्यक्ति भी संरक्षण अधिकारी को शिकायत कर सकती है। भरण-पोषण की व्यवस्था पर बताया कि घरेलू हिंसा अधिनिमय में विवाह प्रकृति की नातेदारी वाली महिला जिसका कानूनन विवाह न हुआ हो वह भी भरण-पोषण की राशि पाने की हकदार है।

कामकाजी महिलाएं अपने कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ की दशा में किस प्रकार व कहां शिकायत कर सकती हैं व नियोक्ता द्वारा जांच की अवधि के दौरान महिला को क्या-क्या अधिकार प्राप्त है, इसकी भी जानकारी दी गई। जीवोदय संस्था की ओर से शनि जोशी ने भी बालिकाओं के संरक्षण संबंधी नियमों एवं सावधानियों से अवगत कराया।

जिनेन्द्र जैन अधिवक्ता एवं विधिक सेवा सदस्य ने बताया कि नि:शुल्क विधिक सहायता पीडि़त महिला, बालक बालिका, आपदा से पंडित व्यक्ति, जातीय हिंसा अत्याचार से पीडित, औद्योगिक कामगार और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के सदस्य प्राप्त कर सकते हैं।

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