इटारसी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के दस वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 22 जनवरी से 8 मार्च तक बेटी बचाओ बेटी का पढ़ाओ कार्यक्रम का आयोजन किया। केसला परियोजना के सेक्टर-एक की आंगनवाड़ी केंद्र तवानगर 78/79 में सेक्टर पर्यवेक्षक चेतना ढीवरे ने गर्भवती धात्री एवं उपस्थित महिलाओं को पीसीपीएनडीटी अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी।
क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques (PCPNDT) Act)?
पीसीपीएनडीटी एक्ट भारत सरकार द्वारा बनाया एक महत्वपूर्ण अधिनियम है। इसके अंतर्गत प्रसव पूर्व गर्भधारण और प्रसव पूर्ण निधन तकनीकी अधिनियम 1994 द्वारा पारित एक महत्वपूर्ण कानून है जिसका उद्देश्य लिंग आधारित भ्रूण हत्या को रोकना और भारत के घटते लिंग अनुपात को सुधारना है। इस अधिनियम के तहत प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसके के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत लिंग परीक्षण करना कानूनी अपराध है।
इस तरह की गतिविधि पाई जाती है, और इस अधिनियम का उल्लंघन किया जाता है तो इसके लिए 3 से 5 साल की सजा और 10 से 50000 रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नफीस एवं रितु पथोरिया ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की विस्तृत में बालिका शिक्षा जेंडर समानता एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।