इटारसी। अब प्रसूता को अस्पताल से छुट्टी होने से पहले बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनाकर देना होगा। यह आदेश आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय मप्र शासन ने जारी किया है। इसमें भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय का हवाला दिया है।
मुख्य रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु ऋषि गर्ग द्वारा जारी आदेश में कहा है कि जन्म प्रमाण पत्र के बढ़ते महत्व को देखते हुए यह प्रमाण पत्र नवजात शिशु की मां को अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही दे दिया जाये। खासकर सरकारी अस्पतालों द्वारा जहां कुल संस्थागत जन्मों में 50 फीसद से अधिक जन्म होते हैं। रजिस्ट्रार को अस्पताल में जन्म होते ही उसका पंजीकरण करना और जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिये हैं।
एक महत्वपूर्ण दस्तावेज
आज के समय में बढ़ती मांग को देखते हुए जन्म प्रमाण पत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो व्यक्ति के जन्म का आधिकारिक प्रमाण होता है। यह जन्म तिथि और स्थान, पहचान, नागरिकता और उम्र का प्रमाण होता है, जो आज के समय में विभिन्न सरकारी और निजी कार्यों के लिए आवश्यक है। जन्म प्रमाण पत्र किसी व्यक्ति की पहचान और नागरिकता का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है, कई सरकारी योजनाओं और लाभों का लाभ उठाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र आवश्यक है, स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों के लिए, संपत्ति के दावों और विरासत के मामलों में, कानूनी मामलों में, जैसे कि विवाह और बाल विवाह जैसे गैरकानूनी मामलों में, नौकरियों के लिए, खासकर सरकारी नौकरियों के लिएजन्म प्रमाण पत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।