इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय इटारसी में शासन के आदेशानुसार भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन किया। इस आयोजन में व्याख्यान, निबंध प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता का कार्यक्रम कराया। प्राचार्य डॉ राकेश मेहता ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा को कभी त्यागना नहीं चाहिए, क्योंकि मातृभाषा से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।वर्ष 2025 में हम अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और इस साल की थीम है ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती उत्सव’।
यह पिछले पच्चीस वर्षों में भाषाई विविधता को संरक्षित करने और मातृभाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किए गए समर्पित प्रयासों का स्मरण करता है। उन्होंने पंजाबी भाषा में गुरु गोविंद सिंह जी के गीत ‘देह शिवा बर मोहे ईहे, शुभ कर्मन ते कभुं न टरूं न डरौं अरि सौं जब जाय लड़ौं, निश्चय कर अपनी जीत करौं’ को सुनाया तथा पंजाब के क्षेत्र में शादी विवाह के समय होने वाले गिद्दा ‘बारी बारी बरसी खटन गया सी खत के ले आनदी लोई, सारी दुनिया देख लई माँ तेरे जेहा न कोई’ को गाकर सुनाया।

डॉ अरविंद शर्मा ने बृज भाषा में संगीत को सुनकर विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहानी सुनाया कि एक मातृभाषा के आधार पर एक बिहारी लड़के को विदेश में नौकरी मिल जाती है। डॉ रश्मि तिवारी ने कहा कि भाषा लोगों की विविध पहचान को बढ़ावा देती है। भाषाएं लोगों को आपस में जोड़ती भी हैं और लोगों को उनकी संस्कृति को संरक्षित रखने का मौका भी देती हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य अलग भाषाओं का संरक्षण करना, बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना और विविधता के महत्व पर प्रकाश डालना है।
डॉ. सुसन मनोहर ने मलयालम में कुछ शब्दों का अर्थ बताया एवं गीत गाकर विद्यार्थियों को मलयालम भाषा से अवगत कराया। श्रीमती सुशीला बरबड़े ने मराठी भाषा के शब्दों एवं मराठी भाषा के चर्चित गीतों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ पीके अग्रवाल ने उडिय़ा भाषा के प्रसिद्ध कवि गंगाधर मेहेर की कविता ‘विश्व देखो मधुमय विश्व देखो मधुमय जीवन! मधुर झरण करेगा हरण तेरा पाप मरण भय, हे जीवन!’ को गाकर सुनाया। डॉ मनीष चौर ने नर्मदापुरम की आम जन भाषा से विद्यार्थियों को अवगत कराया एवं भारत के विभिन्न क्षेत्रों की अलग अलग भाषाओं की जानकारी प्रदान की।
वरुण दुबे ने पंजाबी भाषा के महत्व को बताते हुए पंजाबी गीतों एवं पंजाबी गायकों के बारे में बताया। भाषण प्रतियोगिता में मृदुल पांडे प्रथम, लक्ष्मी भदोरिया द्वितीय, रूपाली पटेल तृतीय रही। निबंध प्रतियोगिता में मृदुल पांडे प्रथम, लक्ष्मी भदोरिया द्वितीय एवं गोपाल पांडे तृतीय रहे।कार्यक्रम का संचालन डॉ दिनेश कुमार ने किया।इस अवसर पर डॉ आशुतोष मालवीय, डॉ राजेश हरियाले, श्रीमती भारती चौधरी एवं अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।