इटारसी। आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग मप्र शासन भोपाल के निर्देशानुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत एकेडमिक बैंक का क्रेडिट (एबीसी) से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें एबीसी सिस्टम को वर्तमान शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता एवं एनईपी, क्रेडिट सिस्टम, डिजिटल फ्रॉड, क्रेडिट अंक, डिजिलॉकर एवं क्रेडिट ट्रांसफर से संबंधित बिंदुओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने बताया कि अकादमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) में समस्त विद्यार्थियों (नियमित/स्वाध्यायी) को पंजीयन तथा समस्त दस्तावेजों को डिजिलॉकर में अपलोड करना आवश्यक है, जिससे प्रत्येक विद्यार्थियों की आईडी निर्मित हो सके। डॉ. संजय आर्य ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत वही विद्यार्थी परीक्षा आवेदन पत्र भर सकेंगे जिनकी आईडी निर्मित होगी। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने परीक्षा में शामिल होने के लिए आईडी अनिवार्य कर दी है। इस आईडी के लिए विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) में पंजीयन कराना अनिवार्य है। एक तरह से यह डिजिटल फ्रॉड को रोकने में मदद भी करता है।
आने वाले समय में यह जॉब के लिए बड़ा प्लेटफार्म निर्मित कर रहा है। स्नेहांशु ने कहा कि इससे विद्यार्थी अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र या अन्य दस्तावेज डीजीलॉकर में संरक्षित कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सेंट्रल लेवल पर विद्यार्थियों के डाटा को ढूंढने और सुरक्षित रखने की प्रक्रिया है, जिसे सिर्फ शासकीय कार्यालय से लिंक किया है। इस अवसर पर डॉ. हर्षा शर्मा, डॉ. संजय आर्य, रविन्द्र चौरसिया, डॉ. शिरीष परसाई, डॉ. मुकेश विष्ट, क्षमा वर्मा, करिश्मा कश्यप एवं छात्राएं उपस्थित थीं।