इटारसी जंक्शन पर प्लेनेट एक्सप्रेस को दिखाया

इटारसी जंक्शन पर प्लेनेट एक्सप्रेस को दिखाया

जुपिटर बना इंजन तो मार्स बना गार्ड और सेटर्न के 82 मून बने सवारी
इटारसी। चार महानगरों को जोडऩे वाला देश का एक बड़ा रेल जंक्शन भले ही नियमित यात्री ट्रेनों के अभाव में वीरान पड़ा हो लेकिन स्टेशन के उपर दिखने वाले आकाश में रात्रि 2 से प्रात: सूर्यादय तक सोलर सिस्टम के बड़े ग्रहों की प्लेनेट एक्सप्रेस ने अभिनव दृश्य प्रस्तुत कर दिया।
एक्सीलैंस स्कूल केसला के विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर जब रात्रि 3 बजे श्रमिक एक्सप्रेस को अटैंड करने पहुंचे तो ग्रहों की रेलगाड़ी देखकर उन्होंने उस समय वहां उपस्थित कर्मचारियों को इसका खगोल वैज्ञानिक परिचय कराया। इस प्लेनेट एक्सप्रेस का इंजन सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर या बृहस्पति था तो इसके पीछे सेटर्न या शनि डिब्बे का कार्य कर रहा था। मंगल या मार्स ने गार्ड की जिम्मेदारी ली थी। साथ ही इनके साथ विचरण करता चंद्रमा टीसी की तरह इनका परिचय ले रहा था। इस एक्सप्रेस के पाश्र्व में मकर राशि तारामंडल स्टेशन को देखा जा सकता था।
राजेश पाराशर ने बताया कि 79 मून के साथ पांचवा ग्रह जुपिटर, पृथ्वी से करीब 69 करोड़ किमी है तो 82 मून के साथ छटवा ग्रह शनि लगभग 143 करोड़ किमी दूर है। अपने दो बदसूरत चंद्रमा के साथ पृथ्वी का पड़ौसी ग्रह मंगल इस समय पृथ्वी से लगभग 17 करोड़ किमी दूर है। पृथ्वी का सुंदर उपग्रह चंद्रमा 3 लाख 84 हजार किमी दूर स्थित था। श्री पाराशर ने बताया कि लॉकडाउन में आप ग्रहों की इस एक्सप्रेस और पीछे स्थित धनु, मकर और कुंभ तारामंडल को अपने ही घर की छत या आंगन से देख सकते हैं। लेकिन इसके लिये आपको या तो रात्रि दो बजे तक जागना होगा या सुबह 5 बजे के पहले उठना होगा। अगर बादलों ने रुकावट न डाली तो एक महीने तक आप इन्हें पूर्वी दिशा में उदित होकर मध्य आकाश तक जाता हुआ देख पायेंगे। एक बात जरूर है कि टीसी की भूमिका निभा रहा चंद्रमा आगे निकल चुका होगा।

CATEGORIES
Share This

AUTHORRohit

error: Content is protected !!