एक ही नजर में देखा सूरज और चांद को एक साथ

एक ही नजर में देखा सूरज और चांद को एक साथ

इटारसी।
– चंद्रमा के कारण सूरज को दिखा हंसियाकार

– चमकते सूरज के सामने दिखा काला चंद्रमा
– पृथ्वी और सूरज के बीच आया चंद्रमा
– 3 घंटे 33 मिनट सूरज रहा चंद्रमा के साये में
– राजेश पाराशर ने ग्रहण फोटोग्राफी के किये प्रयोग
साल के सबसे बड़े दिन आज चंद्रमा भी सूरज की किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने देने में बाधक बना। लगभग साढ़े तीन घंटे की इस अवधि में अनेक लोगों ने सोलर व्यूअर की मदद से सूर्य ग्रहण का नजारा देखा तो कुछ लोगों ने वैज्ञानिकों की राय को दरकिनार करते हुए एक्सरे और अन्य तरीकों से ग्रहण को देखा।

सूर्य ग्रहण के पीछे के विज्ञान को समझाने एक्सीलेंस केसला के राजेश पाराशर ने साईं फाच्र्यून सिटी के प्रांगण में आयोजित प्रयोग में ग्रहण की फोटोग्राफी की। इस दौरान जिले के बच्चों से ऑनलाइन बात की गई। इसमें देखा गया कि 10 बजकर 14 मिनट पर पृथ्वी और सूर्य के बीच ठीक सीधी रेखा में चंद्रमा आ गया। इसने आगे बढ़ते हुये 11 बजकर 57 मिनट पर सूर्य को लगभग 79 भाग ढंक लिया। इसके बाद यह बाहर जाते हुये 1 बजकर 47 मिनट पर सूर्य से दूर हो गया। चंद्रमा जब सूरज के सामने था तो उसका अंधेरा वाला काला भाग पृथ्वी के सामने था।
राजेश पाराशर ने बताया कि 3 घंटे 33 मिनट की इस ग्रहण अवधि के मध्य में सूर्य हंसिया के आकार का दिखा। इस दौरान राजेश पाराशर ने होशंगाबाद में राजेश जायसवाल के समन्वयन में साईं समिति के बच्चों के लिये ऑनलाइन प्रयोग प्रदर्शन कर बच्चों से बात की। कैंप में प्रयोग के दौरान आदित्य पाराशर ने मृदुल मालवीय, राहुल सराठे, अमन गुप्ता तथा सलोनी प्रसाद के साथ डाटा लिये। एमएस नरवरिया ने सोलर व्यूअर की मदद से सूर्य के फोटोग्राफ लिये। इस अवसर पर कॉलोनी अध्यक्ष के साथ संजय मनवारे, गौरव मालवीय तथा कैलाश पटेल ने सहयोग किया। राजेश पाराशर ने बताया कि अब भारत में अगले वलयाकार सूर्यग्रहण के लिये 21 मई 2031 तक इंतजार करना होगा।

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सूर्य ग्रहण का अदभुत नजारा देखा
विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक डॉ. बीके त्यागी एवं डॉ. अरविन्द सी रानाडे खगोलविद् के मार्गदर्शन में फस्र्ट स्टेप विपनेट क्लब के कार्डीनेटर बीएल मलैया, आशीष चौरे ने अवाम नगर, पशुपतिनाथ धाम इटारसी में सूर्य ग्रहण का अवलोकन कराया। कोरोना वायरस महामारी तथा लाकडाउन के कारण आमजन ने अपनी-अपनी छतों से सोलर फिल्टर से कंकड़ाकार सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा देखा। ग्रहण लगने के समय पक्षी अपने घोंसले की ओर जाने लगे तथा कोलाहल बंद हो गया। अधिकतम ग्रहण में चांदनी रात जैसा दिन हो गया। ग्रहण की शुरुआत और अंत की अवधि में अंधविश्वास मिटाने हेतु आमजन ने चाय, नाश्ता तथा आइसक्रीम का सेवन किया।
सुरक्षित तरीके से अवलोकन करने के उदद्ेश्य से बाल मिरर की सहायता से दीवार पर छाया की सहायता से बच्चों ने गतिविधियां की। जैसे ही ग्रहण शुरू हुआ समय 10.15 सुबह नोट किया तथा अधिकतम ग्रहण का समय 11.58 सुबह एवं ग्रहण समाप्ति का समय 1.58 दोपहर नोट कर निकाला कि 3 घंटे 32 मिनट 59 सेकैन्ड की अवधि का ग्रहण रहा है। पिन होल कैमरे का निर्माण कर सूर्य ग्रहण की आकृति का अवलोकन किया, वही एक छात्र नैतिक ने पूड़ी तलने का झारे से ग्रहण की अनेक आकृतियां बना कर अद्भुत अवलोकन किया। ऐसी अनेकों गतिविधियों के माध्यम से बच्चे, आमजन खगोलीय गणना की जानकारी सीखे।

आवाम नगर इटारसी में कंकणाकार (आंशिक) सूर्यग्रहण का समय रहा

ग्रहण आरंभ होने का समय – 10.15 सुबह
अधिकतम ग्रहण का समय – 11.58 सुबह
ग्रहण समाप्ति का समय – 01.58 दोपहर
कुल ग्रहण की अवधि- 3 घंटे, 32 मिनिट, 59 सैकंड

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AUTHORRohit

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