कटे-फटे वारदानों के भरोसे हो रही सरकारी धान की खरीदी

इटारसी। सरकार कटे-फटे वारदानों के भरोसे धान की खरीदी कर रही है। धान की सरकारी मूल्य पर खरीद कर रही सहकारी समिति भी परेशान है। डीएमओ से जो वारदाने समिति को खरीद के लिए मिले हैं, उनमें पचास फीसद वारदाने कटे-फटे हैं, जिनमें खरीद के बाद धान रखना भी जोखिम भरा होगा और समिति को ही नुकसान की भरपायी करनी होगी। आला अफसर भी खरीद केन्द्रों का निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं। लेकिन वे भी इस समस्या का उचित समाधान निकालने की जगह आश्वासन देकर लौट रहे हैं।
बताया जाता है कि धान की खरीदी के लिए वारदने उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के जो नियम हैं, उनमें पचास फीसदी पुराने और पचास फीसदी नये वारदाने दिये जाने हैं। यहां तक भी ठीक है। लेकिन, जो पुराने वारदाने हैं, उनमें भी पचास फीसदी इतने कटे-फटे निकल रहे हैं कि इनमें खरीदी गई उपज रखना इतना जोखिम भरा है कि उसका नुकसान भी समिति को ही उठाना पड़ेगा। ऐसे में समिति की चिंता जायज है।

बना रहे हैं पंचनामा
सेवा सहकारी समिति ग्राम जमानी को इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का जिम्मा मिला है। समिति को डीएमओ से अभी दस हजार वारदाने प्राप्त हुए हैं। जब धान की खरीदी के लिए पहले दिन, यानी 3 दिसंबर को रैसलपुर कृषि उपज उपमंडी में इन वारदानों की गठानें खोली गईं तो समिति के कर्मचारियों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आयीं। अभी खरीदी प्रारंभ भी नहीं हुई थी, कि अफसरों ने फटे वारदानें देखकर कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी वारदानों की छटिंग करने में ही लगा दी। उस दौरान मौके पर पहुंचे डीआर ने हालांकि तौलकांटों की पूजा कराके खरीद कार्य तो प्रारंभ करा दिया। वारदानों के विषय में उनका भी यही कहना रहा कि फटे वारदाने अलग निकालकर उनका पंचनामा तैयार करें और कटे-फटे वारदानें वापस भेज दिये जाएं।

कलेक्टर भी बोले वापस करें
खरीद कार्य के पहले दिन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने भी कहा कि जो भी खराब वारदाने निकलेंगे, सबको अलग रखकर गिनती करें और उनका पंचनामा तैयार करके उनको वापस भेजें और नये वारदानों की मांग करें। किसी भी हालत में कटे-फटे वारदानों में धान की खरीदी न की जाए। बताया जाता है कि समिति को फिलहाल दस हजार पुराने वारदाने धान की खरीद के लिए प्राप्त हुए हैं जिनमें से पचास फीसदी के कटे-फटे होने की जानकारी है। पिछले दिनों प्राथमिक सहकारी समिति के कर्मचारियों ने जो हड़ताल की थी, उसमें एक मांग खराब वारदानों में खरीदी नहीं करने की भी थी। पुराने वारदानों में खरीदी के विषय में डीएमओ का कहना है कि शासन के ही निर्देश हैं कि 50 फीसद नये और 50 फीसद पुराने वारदानों में खरीदी करना है।

अब तक 609 क्विंटल खरीदी
सेवा सहकारी समिति जमानी को इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जिम्मेदारी मिली है। समिति के प्रबंधक भूपेन्द्र दुबे का कहना है कि शुक्रवार की शाम तक समिति के कर्मचारियों ने करीब दस किसानों से 609 क्विंटल धान की खरीदी की है। हालांकि अभी खरीदी का कार्य जारी है, इसलिए यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। शनिवार को अवकाश होने के कारण धान की खरीदी का कार्य नहीं किया जाएगा। सेवा सहकारी समिति अभी धान की खरीदी तो कर रही है। लेकिन, कर्मचारियों या समिति प्रबंधन को अभी यह पता नहीं है कि जो धान की वे खरीदी कर रहे हैं, उसका परिवहन कब तक और कैसे होगा। परिवहन के लिए किस एजेंसी को काम मिला है, यह भी समिति के कर्मचारियों को जानकारी नहीं है, वे केवल खरीदी कर रहे हैं।

इनका कहना है…!
राज्य शासन के निर्देश हैं कि आधे पुराने और आधे नये वारदानों में खरीदी करना है। यदि वारदाने कटे-फटे निकल रहे हैं तो उनको अलग करके पंचनामा बनाकर समितियां हमें रिपोर्ट भेजे, हम उनके स्थान पर नये वारदाने उपलब्ध करायेंगे।
डॉ. प्रदीप गरेवाल, डीएमओ विपणन संघ

आज हमने रैसलपुर खरीद केन्द्र का निरीक्षण किया है। यहां पुराने वारदानों में खरीदी का कार्य चल रहा है। वारदाने कटे-फटे होने की जानकारी भी मिली है तो डीएमओ को सूचित कर दिया है। समिति को छांटकर पंचनामा बनाने को कहा है।
पुष्पा सोनकर, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी

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