किसानों ने कहा, बदतर हैं यहां की व्यवस्था

घंटों खड़े रहने के बाद मिल रहा दस बोरी यूरिया
इटारसी।
कृषि उपज मंडी के सामने जिला विपणन संघ के माध्यम से यूरिया वितरण व्यवस्था से किसान संतुष्ट नहीं है। किसानों का कहना है कि यहां केवल एक काउंटर बनाया है और सुबह से शाम तक सैंकड़ों किसान लाइन में लगकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। किसान घंटों खड़ा रहता है और उसके एक आधार कार्ड पर केवल दस बोरी यूरिया प्रदान किया जा रहा है। किसान अपनी खेतीबाड़ी छोड़कर यूरिया लेने के लिए लाइन में कई घंटे खड़ा रहकर परेशान हो रहा है।
किसान अपनी पीड़ा किसे सुनाए, जब आज दोपहर में जिला विपणन अधिकारी प्रशांत बामनकर को कॉल किया तो उनका मोबाइल बंद था। किसानों का कहना है कि सुबह से लाइन में खड़े हैं दोपहर तक पैरों में दर्द होने लगा लेकिन अपना नंबर नहीं आया। सारे कामकाज छोड़कर यूरिया खरीदने लाइन में लगे हैं। यहां एक ही कांउटर है और काम की गति काफी कम होने से कुछेक किसानों को ही यूरिया मिल पाता है। सारा दिन यहां महज दस बोरी यूरिया के लिए गुजर जाता है। ऐसे कई किसान हैं जो तीस से पचास-साठ बोरी की उम्मीद लेकर आए थे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर यहां आकर पानी फिर गया है। ग्राम मलोथर के किसान सुभाष साध का कहना था कि सुबह 8 बजे से खड़े हैं। कम से कम तीस बोरी यूरिया मिल जाता तो उनकी काफी कुछ समस्या हल हो जाती। लेकिन यहां तो कोई जिम्मेदार सुनने को भी तैयार नहीं है। ग्राम बम्हनगांव कलॉ के किसान नारायण गौर ने कहा कि आठ दिन से भटक रहे हैं। आज भी सुबह से लाइन में लगे हैं, दोपहर के दो बज गए, लेकिन अपनी बारी कब आएगी, इसका अभी ठिकाना नहीं है। उनसे भी पहले करीब पचास किसान खड़े हैं। उनको यहां से कम से कम पचास बोरी यूरिया मिलने की उम्मीद थी, लेकिन केवल दस बोरी यूरिया एक आधार कार्ड पर मिल रही है और बाद में मिलेगी कि नहीं, यह आश्वस्त करने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी भी मौके पर नहीं है।
फसल को जरूरत है खाद की
रबी की फसल के लिए किसानों को खाद की जरूरत है। खासतौर से यूरिया की, लेकिन किसानों को खाद आसानी से नहीं मिल रहा है। लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल रही है। वितरण में अव्यवस्थाएं हैं तो उन्हें ठीक कौन करेगा, इसके लिए अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में वितरण केन्द्र पर अव्यवस्थाएं फैल रही हैं और किसान परेशान हो रहे हैं। रबी सीजन में किसानों को खाद की जरूरत होती है। इनमें यूरिया की अधिक जरूरत है, लेकिन उन्हें खाद मिल नहीं पा रहा है। शहर में खाद विपणन संघ के माध्यम से बांटा जा रहा है, लेकिन यहां पर किसानों के दिन भर लाइन में लगे रहने के बाद भी उन्हें या तो यूरिया मिल नहीं पाता या मिलता भी है तो पर्याप्त नहीं मिल पाता। ऐसे में किसानों में आक्रोश पनप रहा है।

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