रेतीली धरती पर हरियाली की चादर, बाजार की दरकार

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इटारसी।
– डंगरबाड़ी किसानों को मिले फसल बेचने की अनुमति
– नुकसान होने पर उचित मुआवजा शीघ्र तय करे सरकार
– पूर्व मंत्री ने प्रदेश के कृषि एवं प्रभारी मंत्री से की चर्चा
होशंगाबाद-हरदा के डंगरबाड़ी किसानों को उनकी तरबूज-खरबूज की फसल जिला एवं जिले के बाहर बेचने की अनुमति देने सहित कोई आर्थिक नुकसान न हो इसके भी प्रयास किए जाएं। साथ ही यदि शासन द्वारा डंगनबाड़ी किसानों की फसल नहीं खरीदी जाती है तो शासन फसलों की नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजा तय करे।
इन प्रमुख बातों को लेकर पूर्व मंत्री विजय दुबे काकू भाई ने कृषि एवं प्रभारी मंत्री कमल पटेल से चर्चा की। चर्चा में श्री दुबे ने कहा कि होशंगाबाद, हरदा, बाबई, केसला, सुकतवा, तवा व नर्मदा नदी के किनारे हजारों किसान परिवार डंगरवाड़ी तरबूज, खरबूज की पैदावार कृषि कार्य करके अपने परिवार का जीवन यापन उदरपोषण करते हैं। इन डंगरवाडी किसानों को उनके फसल तरबूज-खरबूज को बेचने की अनुमति जिले एवं जिले के बाहर दी जाए व वाहन मालिकों को तरबूज-खरबूज फसल की परिवहन करने की अनुमति भी प्रदान की जाए। वही अनुमति नहीं देने की दशा में अन्य किसानों की तरह उपज गेहूं शासन द्वारा खरीदी करने की व्यवस्था की जाती है, वैसे ही डंगरवाडी किसानों की उपज तरबूज-खरबूज की खरीदी करने की व्यवस्था की जाए व उपज स्थान पर खरीदी केंद्र बनाए जाए।
श्री दुबे ने कहा कि डंगरवाड़ी किसान अधिकांशत: आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। वे इस फसल से साल भर तक उदरपोषण व दैनिक जीवन के संसाधन एकत्र करते हैं। तरबूज खरबूज फसल के कार्य करने के लिए अन्य स्रोतों से महाजनों साहूकारों से कर्ज लेते हैं। समय रहते अनुमति नहीं मिलने पर हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाएगी। वह परिवार में कई अन्य प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ेगा। संभवत अनेक परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे। होशंगाबाद-हरदा के डंगरवाड़ी किसानों को अगर उनकी फसल शासन द्वारा नहीं खरीदी की जाती है तो शासन द्वारा फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए शासन मुआवजा तय करे। बेचने की परमिशन या मुआवजा जो शासन तय करे और शीघ्र घोषणा करें। डंगरवाडी किसानों के हित में समय पर उचित निर्णय कर सहयोग प्रदान करे जिससे किसानों को राहत मिल सके।

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