रेलवे स्टेशन के अग्रिकांड पर उठाए सवाल

इटारसी। आईटी एक्टिविस्ट प्रमोद पगारे ने रेलवे स्टेशन पर हुए अग्निकांड पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इसकी जांच रेलवे बोर्ड स्तर से करायी जानी चाहिए ताकि पता चले कि यह घटना है या कोई साजिश। उन्होंने कहा कि रेलवे के पास सुरक्षा आयुक्त का पद है, लेकिन अधिकारी मंडल और जोन आफिस में बैठते हैं। बार-बार होने वाली अग्नि दुर्घटना के बावजूद सतर्कता नहीं बरतना सवाल खड़े करता है।
उन्होंने कहा कि लगभग डेढ़ साल पूर्व हुए अग्निकांड में मंगलवार को बर्बाद हुई बिल्डिंग के पीछे के दरवाजे हटाकर उनकी जगह रेलवे अधिकारी दीवार खड़ी नहीं कराते तो बड़े हादसे को टाला जा सकता था। फुट ओवर ब्रिज को भी किसी सुरंग की तरह बना दिया है, इसकी प्लास्टिक और टीन की बाधाएं हटायी जानी चाहिए।
श्री पगारे ने बताया कि उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल को घटना का वीडियो और जानकारी ट्वीट की है एवं सांसद राव उदयप्रताप सिंह को भी फुटेज भेजे हैं। उन्होंने कहाकि स्टेशन के उत्तर दिशा के मुख्य द्वार के सर्कुलेटिंग एरिए को ऊंची दीवार उठाकर जेल की तरह बना दिया है, इससे स्टेशन की खूबसूरती खत्म हो गयी। टैक्सी स्टैंड पर निजी टैक्सी चालक चौबीस घंटे होते हैं जिससे यात्रियों को वाहन पार्किंग में परेशानी होती है।
बड़े जंक्शन पर अग्निशामक यंत्र और वाहनों का ना होना भी चिंताजनक है। आरआरआई की घटना को अधिकारी भूल गए और उससे कोई सबक नहीं लिया। अग्निकांड के बाद नगर पालिका की दमकलों को सिर्फ इसलिए इंतजार करना पड़ा क्योंकि ओएचईलाइन बंद नहीं थीं। उन्होंने कहा कि यह हादसा है या साजिश इसकी जांच रेलवे बोर्ड और रेल मंत्री को कराना चाहिए।

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