लॉक डाउन के 14 दिन : मिठाई की दुकानों से आने लगी है गंध

लॉक डाउन के 14 दिन : मिठाई की दुकानों से आने लगी है गंध

इटारसी। देश में 24 मार्च से लागू 21 दिन के लॉक डाउन को 14 दिन बीत चुके हैं। ऐसे में संपूर्ण बाजार बंद है। जरूरत का सामान तो लोगों को इसलिए मिल रहा है, क्योंकि लॉक डाउन के दौरान कुछ घंटों की छूट भी मिल रही है। लेकिन, मिठाई और बेकरी जैसी सामग्री की दुकानों से अब गंध आने लगी है। लॉक डाउन के दौरान मिठाई और बेकरी को जरूरी चीजों से बाहर रखा है। दुकान के भीतर मिठाई और बेकरी के आयटम पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं और इन दुकानों के पास से हल्की गंध भी आने लगी है। प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अन्यथा इन दुकानों से मिठाई लेकर गरीबों में बांटी जा सकती थी। अब तो ये इस लायक भी नहीं बची हैं।
शहर में करीब एक दर्जन मिठाई और लगभग इतनी ही बेकरी की दुकानें हैं। 24 मार्च से देश में लॉक डाउन के साथ ही ये सभी दुकानें पूरी तरह से बंद हैं। जिस वक्त लॉक डाउन की घोषणा हुई थी, ज्यादातर बाजार बंद हो चुका था और मिष्ठान विक्रेताओं को अपनी दुकानों से मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थ निकालने का अवसर नहीं मिला। आज 14 दिन बीतने के बाद दुकानों में रखी मिठाई या तो खराब हो चुकी हैं, या फिर खराब होना शुरु हो चुकी हैं। इसी तरह से बेकरी की दुकानों की स्थिति भी है। यहां बेकरी का ज्यादातर आयटम भोपाल से आता है, कुछ लोकल बेकरी से खरीदी होती है। लॉक डाउन के दौरान जरूरी चीजों से इनको भी बाहर रखा है और बेकरी में रखे केक, पेस्ट्री, पेटिस, बिस्कुट्स, नमकीन, टोस्ट, ब्रेड्स आदि भी खराब हो गयी होंगी।
मिठाई की दुकानों और बेकरी में चीजों की खराब होने की ओर ध्यान दिलाये जाने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीपी राय का कहना है कि जितने भी ऐसे दुकानदार हैं, उनकी दुकान पर लिखे मोबाइल नंबरों पर कॉल करके उनको कह दिया है कि वे अपने स्तर से इन मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों का नष्टीकरण कर दें। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि दुकानदारों ने उनकी इस बात को माना कि नहीं, क्योंकि लॉक डाउन के बाद से कोई दुकानदार बाजार नहीं आया है। जाहिर है, अभी मिठाई और ऐसे खाद्य पदार्थ दुकानों के भीतर ही है। यदि प्रशासन अपने समक्ष ही नष्टीकरण की प्रक्रिया कराता तो बेहतर होता, क्योंकि एक आशंका यह भी है कि यदि दुकानदारों ने ये खराब खाद्य सामग्री बाहर फैक दी तो इनको खाने के बाद मवेशियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

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