व्यापारी कर रहे मूंग-उड़द में शासकीय नियमों का विरोध
किसान नहीं आ रहे उपज लेकर, खरीद निश्चित नहीं
ये है समर्थन मूल्य
मूंग – 5225
उड़द – 5000
इटारसी। सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद करने को तैयार है, लेकिन किसान अभी मूंग-उड़द लेकर मंडियों में नहीं पहुंच रहा है। इटारसी कृषि उपज मंडी परिसर में मप्र राज्य विपणन सहकारी समिति होशंगाबाद ने नर्मदांचल विपणन सहकारी समिति को एजेंट समिति बनाया है। सूत्र बताते हैं कि आज से ही मूंग और उड़द की खरीद प्रारंभ होनी थी, लेकिन समिति के पास संसाधनों की कमी के चलते आज खरीद संभव नहीं हो सकी।
कृषि उपज मंडी परिसर में आज क्वालिटी कंट्रोल के लिए अधिकारी आए थे, उनको समिति ने शासन से प्राप्त दिशा निर्देश बताए हैं। संभवत: कल से मंडी में मूंग और उड़द की खरीद होने की उम्मीद है। शासन के यह भी निर्देश हैं कि समिति समर्थन मूल्य पर एफएक्यू का अनाज खरीदेगी और यदि व्यापारी भी यह जिंस खरीदना चाहे तो उसे समर्थन मूल्य से कम पर नहीं खरीदने देंगे।
किसान खुश, व्यापारी परेशान
सरकार ने किसान को खुश करने के लिए समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द की खरीद तो प्रारंभ कराने की घोषणा कर दी है, लेकिन जो निर्देश व्यापारियों के संदर्भ में आए हैं, उससे व्यापारी परेशान हो गया है। इंदौर में व्यापारी संगठनों ने खरीद के विरोध में प्रदेश की सभी मंडियों में पत्र भेजे हैं। संभवत: मंगलवार तक सभी मंडियों में पत्र पहुंच जाएंगे। व्यापारिक संगठनों के सूत्र बताते हैं कि सरकार की नीतियों के कारण मंडी में व्यापार करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में खरीद न करना ही सबसे बेहतर विकल्प होगा। हालात यह है कि प्रदेशभर की मंडियों में सरकारी समिति मूंग-उड़द की खरीद करेगी, व्यापारी इससे दूर ही रहेगा।
ये हैं व्यापारियों के लिए निर्देश
सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि समितियां समर्थन मूल्य पर एफएक्यू का ही अनाज खरीदे। अब गुणवत्तापूर्ण अनाज जब सरकार खरीद रही है तो फिर जो अनाज एफएक्यू नहीं होगा, उसकी खरीद कौन करेगा। जाहिर है, किसान व्यापारी की शरण में जाएगा। लेकिन, व्यापारियों को भी निर्देश हैं कि समर्थन मूल्य से कम पर व्यापारी खरीद नहीं कर सकेगा। यानी जो अनाज सरकार ने रिजेक्ट कर दिया, वह उपज व्यापारी अधिक दाम में खरीदे। फिर भुगतान संबंधी जो आदेश हैं, उस पर भी व्यापारी सहमत नहीं है। व्यापारी को कहा है कि खरीद के बाद 50 फीसदी भुगतान नकद करे तथा शेष 50 फीसदी को आरटीजीएस करें।
इनका कहना है…
हमारे यहां नर्मदांचल विपणन समिति खरीद करेगी, किसान आएगा तो खरीद होगी। हमारी तैयारी है, किसान ही नहीं आ रहा है। आज आते तो आज खरीद होती, कल आएंगे तो कल से खरीद शुरु की जाएगी। आज क्वालिटी कंट्रोल संबंधी टीम आई थी, सारे दिशा निर्देश बता दिए हैं। अब किसानों का इंतजार है।
सुनील गौर, सचिव मंडी समिति
एक तरफ प्रधानमंत्री कैशलेस व्यवस्था की बात कर रहे हैं, तो मुख्यमंत्री 50 फीसदी नगद की बात कर रहे हैं, फिर जो अनाज सरकार रिजेक्ट करेगी, व्यापारी उसे समर्थन मूल्य पर कैसे खरीदेगा। यह दोहरी नीति है, यही कारण है कि व्यापारी इस खरीद से अपने को दूर कर रहा है, प्रदेशभर में ऐसा ही होने वाला है।
शैलेष ओसवाल, व्यापारी