इटारसी में मिला ब्लेक फंगस का तीसरा मरीज

इटारसी में मिला ब्लेक फंगस का तीसरा मरीज

इटारसी। शहर में ब्लेक फंगस (Blake Fungus) का तीसरा मरीज मिला है। पीपल मोहल्ला में सांकलिया पुल के पास रहने वाले कुंजबिहारी विश्वकर्मा (Kunjbihari Vishwakarma) 74 वर्ष में ब्लेक फंगस के लक्षण पाये गये हैं। श्री विश्वकर्मा के परिवार ने उनको कई डाक्टर्स को दिखाया लेकिन सभी ने अब उनका आगे उपचार करने से यह कहकर मना कर दिया है कि उनकी स्थिति काफी खराब हो गयी है। हालांकि परिवार को अभी उम्मीद है और वे हमीदिया अस्पताल में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।
कुंजबिहारी विश्वकर्मा के बेटे रूपेश विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पिता को 20 अप्रैल को आंख में सूजन आयी थी और दर्द था। उन्होंने बाजार से आईटोन लाकर आंख में डाली लेकिन, आराम नहीं मिला। 28 अप्रैल को कमजोरी बढ़ी और आंख में दर्द बढ़ातो एक परिचित डॉक्टर से परामर्श किया। उन्होंने दो आई ड्राप लिखे जिनसे आंशिक आराम मिला। 23 अप्रैल को कोरोना जांच में वे पॉजिटिव आये थे। अस्पताल में भर्ती करने को कहा तो पलंग नहीं होने का कहकर होम आईसोलेशन (Home Isolation)में रहने का कहकर घर भेज दिया। 6 मई को जब दोबारा अस्पताल गये तो यह कहकर जांच से इनकार कर दिया कि दोबारा जांच नहीं होती है। अपने क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से बातचीत की तो उन्होंने वहां शिविर लगाकर आसपास के लोगों के साथ ही विश्वकर्मा के पूरे परिवार का टेस्ट किया। 7 मई को उनके पिता की रिपोर्ट नेगेटिव आ गयी।
उनकी आंख में सूजन और दर्द ठीक नहीं हुआ तो होशंगाबाद में नेत्र चिकित्सक डॉ.ज्योति सेठा (Dr. Jyoti Setha) को दिखाया। उन्होंने कुछ जांचें करायीं, सीटी स्कैन (CT Scan) कराया तो ब्लेक फंगस के लक्षण समझ में आये। उन्होंने इंजेक्शन लिखे जो हर रोज तीन दिन तक दो इंजेक्शन लगे जो साढ़े तीन हजार का एक था। इसके बाद कुछ आराम महसूस हुआ। लेकिन, डाक्टर ने कहा कि सुगर पेशेंट होने से पूर्ण आराम नहीं लग पा रहा है। एक अन्य इंजेक्शन भी उन्होंने लिखा जो उन्होंने अहमदाबाद (Ahmedabad), पुणे (Pune) और अन्य जगह तलाश की तो यह इंजेक्शन नहीं मिला। रूपेश ने बताया कि वे अपने पिता को भोपाल में सिंधु सेवा सदन अस्पताल (Sindhu Seva Sadan Hospital) भी ले गये जहां जांच के बाद एक निजी चिकित्सक को रैफर किया था। भोपाल में निजी चिकित्सक ने जांच में तो पता चला कि उनके जबड़े में दो बड़े छेद भी हो गये हैं। उक्त डाक्टर ने भी रिपोर्ट देखकर कहा कि स्थिति गंभीर है। अभी चार दिन से वे घर पर हैं और परिजनों का कहना है कि हमीदिया अस्पताल ( Hamidia Hospital) ले जाकर और प्रयास करेंगे।

 

CATEGORIES
Share This

AUTHORRohit

error: Content is protected !!