कोरोना कर्फ्यू में किसानों को खेती पर अधिक ध्यान

कोरोना कर्फ्यू में किसानों को खेती पर अधिक ध्यान

मूंग की फसल में अच्छे परिणाम आने के आसार

बनखेड़ी। जहां एक ओर कोरोना वायरस बीमारी बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए कोरोना कर्फ्यू प्रभावी है, जिसके चलते बाजार बंद है साथ ही अन्य कार्य भी बंद है, जिससे किसानो का पूरा ध्यान मूंग की खेती पर है, ज्यादा समय किसान अपने खेतों की ओर दे रहे हैं, जिसके चलते आगामी समय में अच्छे परिणाम आने की संभावना है, पूर्व वर्ष पर ध्यान दिया जाय तो पिछले वर्ष भी लॉक डाउन के चलते किसानो ने अपनी खेती पर विशेष ध्यान दिया जिससे पूर्व वर्ष में मूंग की खेती में बेहतरीन परिणाम सामने आए थे। इस वर्ष भी मूंग की फसल के कार्यकाल में कोरोना कर्फ्यू प्रभावी है जिससे अन्य कार्य बंद है , जिसके परिणाम स्वरूप किसानों को अपनी फसल की देखभाल करने के लिए पर्याप्त समय मिला है, समय का सार्थक उपयोग किसानों के लिए आगामी समय में अच्छे परिणामों की ओर इशारा करता है। किसानों द्वारा गाइडलाइन का पालन करते हुए निश्चित दूरी बनाकर अपने खेती के कार्य किए जा रहे हैं जिससे बीमारी से बचा जा सकता है साथ ही खेती में अच्छे परिणाम आएंगे। निश्चित ही किसी कार्य को करने के लिए पर्याप्त समय मिले तो परिणाम अच्छे आते हैं इस वर्ष भी किसानों के लिए मूंग की फसल में अच्छे परिणाम मिलेंगे ऐसा किसानों का मानना है।

युवा भी खेती के कार्यो में ले रहे रुचि
इस समय जो युवा अन्य शहरों में रहकर शिक्षा का कार्य कर रहे थे वह इस समय अपने गांव में मौजूद है और अपने बड़े बुजुर्गों के साथ मिलकर कृषि कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं माना जाए तो युवाओं कि रुचि खेती के कार्यों की ओर बढ़ी है।

इनका कहना है
गर्मियों में किसानों के मूंग को एक नकदी फसल के रूप मे माना जाता है। यदि फसल को सही समय पर कीट नियंत्रण न किया जाए तो फसल के उत्पादन में गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ सकता है, फसल में कीटों द्वारा होने वाली हानि को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के तरीकों पर किसान भाइयों को कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह लेना चाहिए, वहीं क्षेत्र के अनेक किसान कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह ले रहे हैं एवं उस पर कार्य कर रहे हैं।
बृजेश कुमार नामदेव, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र गोविंद नगर

इस समय कोरोना कर्फ्यू प्रभावी है जिससे अन्य कार्य बंद है, जिसके कारण पूरा ध्यान कृषि कार्यों पर है, एवं मूंग की फसल में समय-समय पर उचित खाद पानी की व्यवस्था की जा रही है, जिससे आने वाले समय में उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
शुभम पचोरी, युवा कृषक ग्राम मछेरा

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!