संयुक्त व्यापार महासंघ से गांधी का इस्तीफा

संयुक्त व्यापार महासंघ से गांधी का इस्तीफा

इटारसी। इस कोरोना काल में जहां लोग महामारी के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं, वही व्यापारिक संगठनों (Business organizations) के बीच दूरी बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि लॉकडाउन, बंद और बाजार खोलने को लेकर अब तक मनमुटाव सामने आते रहे हैं, अब तो एक व्यापारी ने संयुक्त व्यापार महासंघ(sanyukt Vyapari mahasangh) से उपेक्षा के आरोप में इस्तीफा भी दे दिया है।
फुटकर किराना व्यापारी एसोसिएशन (Retail grocery association)के संरक्षक कर्मवीर गांधी (Sanrakshak Karmaveer Gandhi) ने संयुक्त व्यापार महासंघ से इस्तीफा देकर कहा कि संघ छोटे व्यापारियों की समस्या को अनदेखा कर रहा है। हमारी मांग है कि मॉल की तरह सातों दिन हमें भी दुकान खोलने की अनुमति मिले, लेकिन संघ रविवार बंद को प्राथमिकता दे रहा है। रविवाद बंद में थोक किराना एजेंसी (Wholesale grocery agency) वाले, रेडिमेड वाले, व्यापार करने, वसूली करने जाते हैं। उन्हें सुविधा दी जा रही है। मॉल के कारण हम फुटकर किराना विक्रेताओं को हानि हो रही है। उन्होंने कहा कि वे किराना व्यापारी महासंघ के सदस्य नहीं हैं, वह थोक व्यापारियों का संघ है, वे तो फुटकर किराना व्यापारी एसोसिएशन में 1978 से सेवा दे रहे हैं और देते रहेंगे। वे फुटकर व्यापारियों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

इधर जब इस मामले में संयुक्त व्यापार महासंघ के अध्यक्ष दीपक हरिनारायण अग्रवाल (Joint Trade Federation President Deepak Harinarayan Agrawal) से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कर्मवीर गांधी हमारे संघ के वरिष्ठ सदस्य हैं और वरिष्ठ व्यापारी भी हैं। उनसे हमने मुलाकात करके उनकी बात को सुना है। उनकी एकमात्र मांग रविवार को दुकान खोलने की है। हमने बताया है कि यह गुमाश्ता एक्ट का प्रावधान है, उसे संघ नहीं बदल सकता है, अलबत्ता रविवार नहीं तो किसी अन्य दिन हमें बंद के लिए तय करना पड़ेगा। हालांकि वे प्रयास कर रहे हैं कि दीपावली और दशहरा जैसे बड़े त्योहार पर कारोबार की दृष्टि से गुमाश्ता एक्ट के प्रावधान कुछ दिन के लिए शिथिल किये जाएं। इस संबंध में जल्द ही वे अधिकारियों से चर्चा करेंगे।

 

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