नशे के अवैध कारोबार पर जतायी चिंता

“अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस” के अवसर पर वेबिनार का आयोजन

इटारसी। उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस शासकीय कन्या महाविद्यालय में ऑनलाइन कार्यशाला हुई। प्राचार्य डॉ आरएस मेहरा ने कहा कि आज युवा नशे के दलदल में फंसता जा रहा है, जो समाज में विकृति एवं राष्ट्र निर्माण की नींव को खोखला कर रहा है। एमजीएम महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य व विषय विशेषज्ञ डॉ व्हीके सीरिया ने कहा कि नशे में प्रयुक्त पदार्थ सीधे मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं, जिससे व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
मुस्कान नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र के संचालक मनीष ठाकुर ने बताया कि बच्चों की व्यावहारिक समस्या, अकेलापन, लक्ष्य स्पष्ट न होना, बच्चों में नशे का मुख्य कारण है। डॉ कुमकुम जैन ने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने समाज एवं परिवार में सहयोग व संवेदनशीलता आवश्यक है। हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. श्रीराम निवारिया ने कहा कि युवा वर्ग निष्क्रिय और बुझा दिखाई देता है। उसमें अपने हक, लाभ, न्याय, भविष्य, वैज्ञानिक सोच  की कमी है। समन्वयक व संचालक डॉ. शिरीष परसाई ने कहा कि नशा नाश है, लाता विनाश है। समस्या निवारण के लिए जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से प्राप्त ऊर्जा से परिवार एवं समाज में उचित वातावरण, मन व इंद्रियों पर नियंत्रण प्रशिक्षण,  श्रेष्ठ चरित्र व आचरण निर्माण कर नशा मुक्त भारत का निर्माण किया जा सकता है। मीडिया प्रभारी डॉ. संजय आर्य ने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस की थीम ड्रग्स पर तथ्य साझा कर जीवन बचायें  है। कार्यक्रम के अंतर्गत 25 छात्राओं ने भाषण पोस्टर निर्माण तथा कोलाज निर्माण प्रतियोगिता में भाग लिया। संयोजक डॉ शिखा गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मंजरी अवस्थी, अमित कुमार, स्नेहांशु सिंह, रवीन्द्र चौरसिया, डॉ. मुकेश विष्ठ, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ. मुकेश कटकवार, डॉ. पुनीत सक्सेना, गुरूषा राठौर, सरिता मेहरा,  राजेश कुशवाह तथा समस्त स्टॉफ एवं छात्राएं उपस्थित थीं।
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