Pitra Moksha Amavasya 2020: जानिए कब से आरंभ है श्राद्ध पक्ष, क्यों किया जाता है श्राद्ध

Pitra Moksha Amavasya 2020: जानिए कब से आरंभ है श्राद्ध पक्ष, क्यों किया जाता है श्राद्ध

पितरों (Pitro) के लिए समर्पित श्राद्ध पक्ष Shrad Paksh भादों पूर्णिमा (Bhado Purnima) से आश्विन अमावस्या (Ashwin Amavasya) तक मनाया जाता है।

इटारसी। हिंदू धर्म में कई तरह के परंपराओं और रीति-रिवाजों(customs) का अनुसरण किया जाता है। वैदिक परंपरा(Vedik parampara)में अनुष्ठान, पूजा पद्धति, धार्मिक क्रिया कलाप और व्रत-त्योहार जैसे कई आयोजन किए जाते हैं। सभी रीति रिवाज अपने अपने तरीके व सही मुहुर्त में किए जाते हैं। सनातन धर्म में किसी जातक के जन्म से पहले यानी गर्भधारण और मृत्यु के बाद भी कई तरह के संस्कार और कर्म कांड किए जाते हैं। इन्हीं में से श्राद्ध कर्म और पितृपक्ष एक प्रमुख तिथि और संस्कार है।

हर वर्ष भाद्रपद में आता है
पितृपक्ष Pitra paksh) हर वर्ष भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन माह की अमावस्या की तिथि तक माना जाता है। इसमें 15 दिन पितरों को समर्पित होता है। वैसे तो हर महीने की अमावस्या तिथि पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। लेकिन पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करना बहुत ही अच्छा और शुभफलदायक होता है। मान्यता है पितृ पक्ष में पितर देव स्वर्गलोक से धरती पर अपने.अपने परिजनों से मिलने के लिए आते हैं।

इस दिन से आरंभ पितृ पक्ष
पंडित विकास शर्मा (Pt. Vikas Sharma) ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष रहता है। ऐसे में इस बार श्राद्ध पक्ष का आरंभ भाद्रपद पूर्णिमा 2 सितंबर से हो रहा है। वहीं 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या रहेगी। इसी दिन पितृ पक्ष का अंतिम दिन होगा।

पितृ पक्ष का महत्व
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की आराधना के साथ ही स्वर्ग को प्राप्ति होने वाले पूर्वजों की भी श्रद्धा और भाव के साथ पूजा और तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पितरों के प्रसन्न होने पर ही देवी-देवता प्रस्नन होते हैं। पितरों को भी देवतुल्य माना गया है। इसलिए किसी जातक की मृत्यु के बाद भी उनको उतना ही सम्मान मिलता है जितना भगवान को। पितरों के लिए समर्पित श्राद्धपक्ष भादों पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक मनाया जाता है। परमपिता ब्रह्मा ने यह पक्ष पितरों के लिए ही बनाया है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है जिन प्राणियों की मृत्यु के बाद उनका विधिनुसार तर्पण नहीं किया जाता है। उनकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है। पितृपक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व होता है। क्योंकि यह पक्ष उन्ही पितर देवता को समर्पित होता है। जो भी अपने पितरों का तर्पण नहीं करता है उन्हें पितृदोष का सामना करना पड़ता है। पितृदोष होने पर जातकों के जीवन में धन और सेहत संबंधी कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इसी कारण से पितरों का तर्पण करना जरूरी होता है। पितरों का तर्पण करने से उन्हें मृत्युलोक से स्वर्गलोक में स्थान मिलता है।

किस तिथि को किसका श्राद्ध
पितृपक्ष में श्राद्ध करने का विशेष महत्व होता है। हालांकि हर महीने की अमावस्या तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता हैए लेकिन पितृपक्ष के 15 दिनों में श्राद्धकर्मए पिण्डदान और तर्पण करने का अधिक महत्व माना जाता है। इन 15 दिनों में पितर धरती पर किसी न किसी रूप में अपने परिजनों के बीच में रहने के लिए आते हैं। पितृपक्ष में श्राद्ध करने के कुछ खास तिथियां भी होती हैं।

श्राद्ध से जुड़ी हर वो बात जिसे आपको जानना चाहिए
. जिन लोगों के सगे सबंधियों और परिवार के सदस्यों की मृत्यु जिस तिथि पर हुई है पितृपक्ष में पड़ने वाली उस तिथि में ही उनका श्राद्ध करना चाहिए।
. जिस महिला की मृत्यु पति के रहते ही हो गयी हो उन नारियों का श्राद्ध नवमी तिथि में किया जाता है।
. ऐसी स्त्री जो मृत्यु को तो प्राप्त हो चुकी किन्तु उनकी तिथि नहीं पता हो तो उनका भी श्राद्ध मातृ नवमी को ही करने का विधान है।
. आत्महत्याए विष और दुर्घटना आदि से मृत्यु होने पर मृत पितरों का श्राद्ध चतुर्दशी को किया जाता है।
. पिता के लिये अष्टमी तो माता के लिये नवमी की तिथि श्राद्ध करने के लिये उपयुक्त मानी जाती है।
. अगर किसी कारणवश अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद न हो तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करना उचित होता है।

पितृ श्राद्ध आरम्भ’

पूर्णिमा श्राद्ध – 2/9/20, बुधवार
1 प्रतिपदा श्राद्ध – 3/9/20 गुरुवार
2 द्वितीया श्राद्ध – 4/9/20 शुक्रवार
3 तृतीया श्राद्ध- 5/9/20 शनिवार
4 चतुर्थी श्राद्ध-6/9/20 रविवार
5 पंचमी श्राद्ध- 7/9/20 सोमवार
6 षष्ठी श्राद्ध-8/9/20 मंगलवार
7 सप्तमी श्राद्ध- 9/9/20 बुधवार
8 अष्टमी श्राद्ध- 10/9/20 गुरुवार
9 नवमी श्राद्ध- 11/9/20 शुक्रवार
10 दशमी श्राद्ध- 12/9/20 शनिवार
11 एकादशी श्राद्ध- 13/9/20 रविवार
12 द्वादशी श्राद्ध- 14/9/20 सोमवार
13 त्रयोदशी श्राद्ध- 15/9/20 मंगलवार
14 चतुर्दशी श्राद्ध- 16/9/20 बुधवार
15 सर्वपितृ अमावस श्राद्ध 17/9/20 गुरुवार

आचार्य पंडित विकास शर्मा
8770417924

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