नवरात्रि (Navratri) में देवी मां की पूजा और उनका पुष्प…

नवरात्रि (Navratri) में देवी मां की पूजा और उनका पुष्प…

इटारसी। सनातन धर्म में तकरीबन हर देव यानि देवी की पूजा के समय उन्हें पुष्प भी चढ़ाए जाते हैं। ऐसे में नवरात्रि (Navratri) के दौरान भी देवी मां के विभिन्न स्वरूपों को फूल चढ़ाए जाते हैं। लेकिन ऐसे में कई बार जानकारी के अभाव में हम देवी मां को ऐसे पुष्प भी चढ़ा देते हैं जो उन्हें प्रसन्न करने की बजाया नाराज तक कर देते हैं। जिसके कारण हमें अपनी पूजा का फल कभी कभी प्राप्त नहीं हो पाता। ऐसे में हम आपको आज उन फूलों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अर्पित करने से मां भवानी अत्‍यंत प्रसन्‍न होती है, वहीं आपको ये भी जान लेना चाहिए कि कौन से पुष्प देवी मां पर नही चढ़ाने चाहिए।  फूल जब मूर्ति पर चढ़ाते हैं, तो मूर्ति को जागृत करने में सहायता मिलती है। इससे मूर्ति के चैतन्य का लाभ हमें शीघ्र होता है। इसलिए विशिष्ट देवी को व‍िशेष फूल ही अर्पित करने चाह‍िए।

वहीं ज्‍योत‍िष के अनुसार मां दुर्गा को मोगरा और पार‍िजात, मां लक्ष्मी को गुलाब और स्‍थलकमल, सप्तशृंगी मां को कवठी चाफा, मां शारदा को रातरानी, देवी योगेश्वरी को सोनचाफा, मां रेणुका को बकुल, वैष्‍णोंदेवी को रजनीगंधा और मां व‍िंध्‍यवास‍िनी को कमल अर्पित करना शुभ होता है। मान्‍यता है क‍ि इन फूलों से प्रसन्‍न होकर देवी मां जातक की मनोकामनाएं पूरी करतीं हैं।
1. प्रथम देवी मां शैलपुत्री: आप सफेद कनेर के पुष्‍प का प्रयोग कर सकते हैं।
2. द्वितीय देवी मां ब्रह्माचारिणी: वटवृक्ष के पत्‍ते और वटवृक्ष के पुष्‍पों की माला अर्पित करें।
3. तीसरे दिन मां चंद्रघंटा: शंखपुष्‍पी के पुष्‍प चढ़ाएं।
4. चौथे दिन मां कुष्‍मांडा: पीले रंग के पुष्‍प चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य की प्राप्ति होती है।
5. पांचवें दिन मां स्‍कंदमाता: नीले रंग के पुष्‍प चढ़ाएं।
6. छठवें दिन कात्‍यायनी देवी: बेर के पेड़ के पुष्‍प चढ़ाएं।
7. सातवें दिन मां कालरात्रि: मां को प्रसन्‍न करने के लिए गुंजा की माला चढ़ाएं।
8. आठवें दिन मां गौरी: कलावा की माला चढ़ाएं।
9. नौवें दिन मां सिद्धिदात्री : गुड़हल के पुष्‍प चढ़ाएं। इसके अलावा देवी मां को कभी भी अपवित्र स्थल के पुष्प नहीं चढ़ाने चाहिए। इसके साथ ही उन्हें दूसरों को अप्रसन्न कर लाए हुए पुष्प,सूंघे हुए पुष्प पृथ्वी पर गिरे हुए,अनखिले पुष्प अर्थात कलियां, बाएं हाथ से लाए गए फूल,बिखरी हुई पंखुड़‍ियों वाले गंधरहित अथवा तीव्र गंधवाले फूल आदि देवी मां को भूलकर भी न चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से देवी मां अप्रसन्‍न हो जाती हैं और जातक को पूजा का लाभ भी नहीं म‍िलता।

 

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