कल शनि प्रदोष का महान पर्व, ऐसे करें पूजा-अर्चना

कल शनि प्रदोष का महान पर्व, ऐसे करें पूजा-अर्चना

शिवलयों एवं शनि मंदिर में भक्तों की रहेगी भीड़

इटारसी। कल माघ कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी शनिवार 29 जनवरी को शनि प्रदोष का व्रत, पूजा-पाठ होगी। मां चामुंडा दरबार (Maa Chamunda Durbar) के भोपाल (Bhopal) पुजारी गुरु पंडित रामजीवन दुबे (Pandit Ramjeevan Dubey) ने बताया कि शनिवार को त्रयोदशी तिथि होने से ये शनि प्रदोष कहलाएगा। इस दिन तिल द्वादशी व्रत का योग भी बन रहा है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu), शिव (Shiva) और शनिदेव (Shanidev) तीनों की ही पूजा शुभ फल देने वाली रहेगी। धनु, मकर, कुंभ राशि को साढ़ेसाती शनि मिथुन, तुला ढय्या से परेशान हैं उनके लिए ये दिन बहुत खास रहेगा। साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से पितृ दोष और कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। इस दिन दान देने का भी विशेष महत्व धर्म ग्रँथों में बताया गया है।
प्रदोष यानी शुक्ल और कृष्णपक्ष की तेरहवीं तिथि: शुक्ल और कृष्णपक्ष की त्रयोदशी यानी तेरहवीं तिथि को प्रदोष कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार शिवजी की प्रिय तिथि होने से प्रदोष में की गई शिव पूजा का विशेष फल मिलता है। भगवान शिव ही शनि देव के गुरू हैं।
इस दिन करें इन चीजों का दान
शनि प्रदोष के दिन व्रत, पूजा और दान करने से सुख और सौभाग्य बढ़ता है। शरीरिक परेशानियां दूर होती हैं। उम्र बढ़ती है। संपत्ति और धन लाभ भी होता है। शनि प्रदोष के दिन जरूरतमंद लोगों को कपड़े और अन्न दान के साथ ही जूते-चप्पल का भी दान करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
पितृदोष में आती है कमी
इस दिन रुद्राभिषेक और शनिदेव का तेलाभिषेक करने के बाद चांदी के नाग नागिन की पूजा करनी चाहिए। फिर उन्हें पवित्र नदी में बहा देना चाहिए। शिवजी का अभिषेक करने से पितृदोष भी खत्म होता है। इसके साथ ही शनिदेव का तेल से अभिषेक करने से भी हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

 

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AUTHORRohit

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