इटारसी। न्यायालय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/ओएडब्ल्यू सुरेश कुमार चौबे, जिला होशंगाबाद के न्यायालय ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने और उससे दुष्कर्म करने के आरोपी दीपक पिता रविदास अहिरवार, उम्र 28 वर्ष, निवासी मालाखेड़ी, जिला होशंगाबाद को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपये का अर्थदंड, धारा 366 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपये अर्थदंड तथा धारा-4 (पॉक्सो), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, में 10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
आरोपी द्वारा जुर्माना अदा न करने पर प्रत्येक धारा में अतिरिक्त रूप से क्रमश: 01-01 माह का समश्र कारावास और भोगना होगा।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक केपी अहिरवार ने बताया कि 26 जनवरी 2017 को नाबालिग के पिता ने उनकी नाबालिग 15 वर्षीय लड़की की गुम इंसान की रिपोर्ट थाना देहात, जिला होशंगाबाद में दर्ज कराई। रिपोर्ट में नाबालिग लड़की के पिता ने बताया कि वह 26 जनवरी 2017 को दोपहर करीब 12 बजे पानी भरने घर से बाहर हैंडपंप पर गया था और उसकी पत्नी व एक लड़की घर पर नहीं थे, दूसरी लड़की अभियोक्त्रि घर पर अकेली थी। जब पानी लेकर घर वापस आया तो उसकी लड़की घर पर नहीं थी। उसकी पत्नी व लड़की घर वापस आए तो उनसे अभियोक्त्रि के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह घर पर ही थी। उसकी तलाश उन्होंने मोहल्ले, पड़ोस, रिश्तेदारों में की लेकिन कोई पता नहीं चला, वह नहीं मिली, तत्पश्चात् लड़की के पिता ने थाने में जाकर उसके गुम हो जाने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। थाना देहात पुलिस द्वारा गुम इंसान रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध प्रकरण की कायमी की। नाबालिग अभियोक्त्री के न्यायालयीन कथनों के आधार पर, उसकी इच्छा के विरूद्ध बहला-फुसलाकर ले जाने और उसका व्यपहरण कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। संपूर्ण विवेचना उपरान्त न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक, होशंगाबाद केपी अहिरवार ने सशक्त पैरवी कर न्यायालय के समक्ष प्रकरण को उक्ति-युक्त संदेह से परे साबित किया।