इटारसी। आदिवासी ब्लॉक केसला (Tribal Block Kesla) की ग्राम पंचायत भट्टी द्वारा नदी में कराये जा रहे कार्य में मजदूरों की जगह जेसीबी से काम कराया जा रहा है और अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। कोरोनाकाल में मजदूरों की स्थिति वैसे ही खराब है और मनरेगा (Manrega) के तहत ग्राम के मजदूरों से काम कराया जाना चाहिए। लेकिन बाहर के ठेकेदार से काम कराया जा रहा है। ठेकेदार के मजदूर गांव की कन्या शाला में ठहरे हैं जहां वे चूल्हा जलाकर खाना पकाते, कपड़े धोते, स्नान करते और गंदगी फैलाते हैं। इस बात की शिकायत युवक कांग्रेस के विधानसभा सिवनी मालवा के महासचिव अखिलेश पांडेय (General Secretary Akhilesh Pandey )ने जनपद सीईओ, पंचायत सचिव और सरपंच को की है। उनका कहना है कि गांव के बच्चों के शिक्षा के मंदिर में मजदूरों को क्यों ठहराया गया है। बाहर से लेबर लाने की जगह गांव के मजदूरों को काम मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पूर्व में पंचायत की समस्या को लेकर सीईओ वंदना कैथल (CEO Vandana Kaithal) को कई बार अवगत कराया परंतु आज तक जनपद सीईओ मौके वारदात पर उपस्थित नहीं हुई। वे लगातार क्षेत्र की समस्याएं उठाते रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाती है।