झरोखा : सावन विशेष : शिव महिमा और उपासना

Manju Thakur

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God has divided his personality into so many pieces, he picked up one piece and created the form of a human being.

: पंकज पटेरिया –
देवादी देव महादेव की पूजा उपासना ,आराधना का बड़ा महत्व है। कहते उनकी पूजा अर्चना से ही सभी देवी देवताओं की पूजन का पुण्य प्राप्त होता है। पंचोपचार, शोडसोपचार का अपना महत्व अपनी जगह है, लेकिन मात्र एक लोटा जल घर या कही मंदिर,अथवा गांव ,देहात में पेड़ के नीचे विराजे भोलेनाथ पर चढाने भर से शिव जी की महती कृपा प्राप्त होती है, मनोरथ पूरे होते है। यूं नित्य शिवजी की पूजा का विधान है, महाशिवरात्रि के साथ सावन मास शिव पूजन आराधना का विशेष सत्र माना कहा गया है।
पारद शिव लिंग महिमा
जिस तरह नर्मदेश्वर का ( नर्मदा जी से प्राप्त) नर्मदा का हर कंकर जय शिव शंकर का महात्म्य है, ठीक इसी तरह पारद शिव लिंग, या पारदेश्वर की महिमा का वर्णन शिव पुराण आदि ग्रंथों में दिया गया है। पारद शिवलिंग प्राकट्य शिव के वीर्य से,यह ग्रंथो में वर्णित है। पारद से निर्मित किए जाने के कारण इन्हें पारदेश्ववर लिंग कहा जाता है। पारद शिवलिंग की पूजा उपासना से सर्व सिद्धि की प्राप्ति सहज हो जाती है। अपितु दर्शन मात्र से भी असीम पुण्य लाभ प्राप्त होता है। रुद्र संहिता मे उल्लेख है कि लंकाधिपति रावण और बाणसुर ने पारद शिवलिंग की उपासना कर अनेक सिद्ध प्राप्त की थी।
पारद शिवलिंग लिंग की विधि
व्रत उपासना से अकाल मृत्यु सहित विभिन्न आपदा विपदाओ से बचा जा सकता है। आदि व्याधि वाचिक तार्किक, मानसिक त्रिव्याधी, त्रिदोष का शमन होता है। लौकिक, परालोकिक लाभ मिलता। घर के वास्तु दोष समाप्त होता है। घर में पारद शिवलिंग के राजमान, विद्यमान रहने से निरंतर एक सकारात्मक रहती है। दर्शन, स्पर्श भर से दिव्य ऊर्जा की अनुभूति होती है। घर परिवार में अदभुत चेतन्य ता दीपित अनुभव होती है। यह सब भगवान पारद शिवलिंग जी की उपस्थिति का प्रभाव होता है। पारे से निर्मित किए जाने से पारद शिवलिंग कहा जाता है। पारद निर्मित ठोस शिवलिंग साक्षात चेतन्य शिवस्वरूप है।
नर्मदेश्वर की तरह इनकी भी प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती। इन्हें एक ज्योतिलिंग माना गया है और बताया गया है भगवान शंकर ने स्वयं माता पार्वती जी से एक गोपनीय संवाद मे यह बात कही कि पारद शिवलिंग की पूजन करने से १२ ज्योति लिंग सहित, सर्व देवी देवता की पूजन का पुण्य लाभ प्राप्त होता है।
श्रद्धा भक्ति पूर्वक आराधना करने से,निरोग्यता भक्ति मुक्ति ज्ञान ऐश्वर्य यश कीर्ति, मनोवच्छित सिद्धि प्राप्त होती है। शुद्ध पारद शिवलिंग घर मे विराजे है तो भूतप्रेत नवग्रह दोष पितृ दोष दिक्कत अपने आप खत्म हो जाती है। शिव नाम में लगी छोटी ई की मात्रा शक्ति की प्रतीक है।
शक्ति बिना शिव भी शव है। शिव जी के अभिषेक का जल घर मे छिड़कने से घर दुकान के वास्तु दोष बंधन आदि ख़त्म हो जाते। विवाह आदि में शिव परिवार की पूजा उपासना करने से जो भी रुकावट है, वह दूर हो जाती। निःसंतान दंपत्ति भी शिव आराधना कर संतान सुख पाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विभिन्न अशुभ ग्रहों की महादशा अंतर्दशा में बल्कि मारकेश आदि की संकट नाश स्थितियों में शिव जी की कृपा से कष्ट दूर होते हैं। घर के उत्तर दिशा में भी शिव परिवार का चित्र लगाने से घर परिवार में सुख शांति समृद्धि का वास रहता । शुद्ध पारद निर्मित गोली अथवा लॉकेट भी लोग बीमारी ,बाहरी बाधाओ से बचने के लिए गले में पहने रहते है। इस तरह महापारद शिवलिंग की महिमा अनंत और अपरंपार है। शिवजी तो अवधर दानी है, और दीनजनो की विपदा हरते है। सुख शांति समृद्धि से भक्त की झोली भर देते है।
ॐ नम शिवाय
नर्मदे हर

pankaj pateriya

पंकज पटेरिया (Pankaj Pateriya)
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
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